उत्तराखंड : भारी बर्फ के कारण केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य ठप पड़े हैं। केदारनाथ में बर्फबारी से होने वाले नुकसान का जायजा लेने के लिए जल्द ही एक टीम केदारनाथ जाएगी ।
बद्रीनाथ धाम इन दिनों बर्फ से लकदक है। आस्था पथ पर करीब चार फीट तक बर्फ जमी है। यदि दोबारा मौसम खराब होता है तो यात्राकाल में तीर्थयात्री भगवान बद्रीनाथ के साथ ही बर्फ के भी नजदीक से दर्शक कर सकेंगे।
बीते दिनों लगातार तीन दिनों तक हुई बर्फबारी से बदरीनाथ धाम चारों ओर से बर्फ से ढक गया है।
केदारनाथ धाम में इन दिनों छह से आठ फीट तक बर्फ जमा है, जबकि अन्य स्थानों पर 12 से 15 फीट तक बर्फ के ढेर लगे हैं। भारी बर्फ के कारण केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य ठप पड़े हैं । केदारनाथ में बर्फबारी से होने वाले नुकसान का जायजा लेने के लिए जल्द ही एक टीम केदारनाथ जाएगी। मौसम ठीक रहा तो मार्च के तीसरे सप्ताह से बर्फ हटाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
बद्रीनाथ हाईवे पर हनुमान चट्टी से आगे माणा गांव तक (आठ किमी) सड़क पर मोटी बर्फ की चादर बिछी है। करीब पांच जगहों पर बड़े-बड़े हिमखंड हाईवे पर पसरे हुए हैं, जिन्हें हटाने के लिए इन दिनों सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की जेसीबी लगी हैं। बदरीनाथ धाम में विजयलक्ष्मी चौक, जीएमवीएन परिसर से लेकर माणा रोड तक बर्फ बिछी हुई है ।
बद्रीनाथ धाम परिसर में भी चार से पांच फीट तक बर्फ जमी हुई है। बर्फबारी के बाद सामान्य हुए मौसम से धाम के सौंदर्य में निखार आ गया है। केदारनाथ धाम में इन दिनों छह से आठ फीट तक बर्फ जमा है, जबकि अन्य स्थानों पर 12 से 15 फीट तक बर्फ के ढेर लगे हैं। भारी बर्फ के कारण 6 माह से केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य ठप पड़े हैं।
केदारनाथ धाम में ढाई माह से पुनर्निर्माण कार्य ठप हैं। बीते वर्ष 6 नवंबर को केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए थे। तब, से अभी तक यहां तक 10 से अधिक बार भारी से भारी बर्फबारी हो चुकी है।
भीमबली से केदारनाथ के बीच कई जगहों पर विशालकाय हिमखंड हैं, जिससे आगामी यात्रा तैयारियों को लेकर प्रशासन और बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति को दिक्कतें हो सकती हैं !
जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि जल्द ही एक टीम केदारनाथ भेजी जाएगी, जो वहां पैदल मार्ग से धाम तक बर्फ की वास्तविक स्थिति की जानकारी देगी। मौसम ठीक रहा तो मार्च तीसरे सप्ताह से बर्फ सफाई का कार्य शुरू कर दिया जाएगा, जिससे समयबद्ध यात्रा की सभी तैयारियां पूरी की जा सके।