जश्न की जगह पर मातम, मृतक आश्रितों को सरकार का सहारा। Uttrakhand24×7livenews
पौड़ी बस हादसे में मारे गए लोगों का आज हरिद्वार में अंतिम संस्कार किया गया। बस हादसे में हरिद्वार के लालढांग और उसके आसपास के 16 लोग मौत के मुंह में समा गए हैं। मृतकों के परिवार अपनों को खोने के बाद बेसुध हालत में हैं। ये सभी लोग बारात में शामिल होने लालढांग से पौड़ी के कांडा गांव जा रहे थे।
लालढांग गांव के संदीप की बारात उसके जीवन में तबाही लेकर आई है। 04 अक्टूबर को संदीप करीब 50 लोगों के साथ बारात लेकर निकला था। लेकिन रास्ते में ऐसी अनहोनी घटी की 33 बारातियों की लाशे ही वापस लौटी। संदीप के बड़े भाई, बहन, दो जीजा और एक भतीजे की हादसे में मौत हो गई। वहीं कई दूसरे परिवारों के चिराग भी बुझ गए है। लंबे चले रेस्क्यू और पोस्टमार्टम के बाद आज जब मृतकों के शव अपने-अपने घर पहुंचे तो परिवार के लोग बिलख-बिलख कर बेसुध हो गए।
हादसे के 03 दिन बाद भी जहां मृतकों के परिवारों में कोहराम मचा हुआ है। वहीं गांव भर में मातम पसरा है। पिछले 03 दिनों से कई घरों में चूल्हे भी नहीं जले हैं तो गांव के बाजार भी सूने पड़े हुए हैं और सभी ग्रामीण हादसे के बाद शोक संवेदनाएं देते नहीं थक रहे। सभी लोग उस घड़ी को कोस रहे हैं जब ये हादसा हुआ।
सरकार और प्रशासन भी मृतकों के परिवारों के जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश कर रहा हैं। सरकार की ओर से जहां मृतक आश्रितों को दो लाख की राहत राशि की घोषणा की गई है। वहीं हरिद्वार के डीएम ने भी परिवार के सदस्यों को योग्यता के अनुसार रोजगार देने का आश्वासन दिया है।
पल भर में घटी घटना के बाद कई परिवारों पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा है। हादसे में मारे गए कई लोग अपने परिवार का एक मात्र सहारा थे। सरकार के आश्वासन और लोगों की संवेदनाएं पीड़ितों के साथ जरूर हैं लेकिन अपनों को खो चुके लोगों की पीड़ा इन सब से कहीं बड़ी है।
