आयुष्मान योजना की मूल अवधारणा यह है कि लाभार्थियों का सर्वप्रथम राजकीय चिकित्सालयों में उपचार किया जाय और यदि राजकीय चिकित्सालय में उपचार उपलब्ध नहीं हो सकता है तो निजी अस्पतालों का सहयोग लिया जाय। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुये राज्य सरकार द्वारा रेफरल हेतु नीति बनायी। गयी है।
रेफरल की व्यवस्था हेतु राज्य सरकार द्वारा दिनांक 04 मई, 2020 को शासनादेश निर्गत किया गया है। चूंकि इस शासनादेश निर्गत होने के पश्चात लगभग 2 वर्ष तक कोविड की स्थिति रही, अतः आयुष्मान योजना के अन्तर्गत उपचार हेतु बायोमैट्रिक तथा रेफरल की व्यवस्था को स्थगित रखा गया। अब अनिवार्य रूप से बायोमैट्रिक किये जाने तथा रेफरल की व्यवस्था पुनः लागू है।