यूक्रेन में फंसे नागरिकों का उत्तराखंड लौटने का सिलसिला जारी है। गुरुवार तक राज्य के 86 छात्रों व अन्य लोगों ने वापसी की। अब भी वहां 201 नागरिकों के फंसे होने की सूचना है। जिनकी लोकेशन प्राप्त हो गई है, उन्हें केंद्र सरकार के ऑपरेशन गंगा के तहत स्वदेश लाने के प्रयास हो रहे हैं।
इस बीच मुख्य सचिव एसएस संधू ने राज्य सचिवालय में यूक्रेन मे फंसे नागरिकों को लाने के लिए की गई व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि परिजनों और पहचान वालों से मिलकर यूक्रेन में फंसे लोगों की लोकेशन का पता लगाया जाए ताकि उनकी जल्द से जल्द सकुशल वापसी हो।
उन्होंने कहा कि यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के छात्र एवं अन्य नागरिकों के परिजनों से लगातार संपर्क स्थापित कर उनसे जानकारी लेकर उसे शासन एवं दिल्ली स्थित स्थायिक आयुक्त कार्यालय को शीघ्र से शीघ्र साझा किया जाए। सभी सूचनाओं का आदान-प्रदान विदेश मंत्रालय से शीघ्रता से किया जाए ताकि यूक्रेन छात्रों और अन्य नागरिकों को शीघ्रता से निकाला जा सके। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, एडीजी इंटेलीजेंस संजय गुंज्याल, सचिव एसए मुरुगेशन सहित वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।
सोशल मीडिया पर नजर रखने के निर्देश
मुख्य सचिव ने सोशल मीडिया पर नजर रखने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फेसबुक और ट्विटर आदि के माध्यम से किसी छात्र या अन्य नागरिक के फंसे होने की जानकारी मिलती है लेकिन लोकेशन ट्रैक नहीं हो पा रही है तो पता लगाया जाए कि ये कहां हैं, इसके लिए एडीजीपी इंटेलिजेंस से संपर्क में रहें।
परिजनों से व्यक्तिगत संपर्क बनाएं अधिकारी
मुख्य सचिव ने कहा कि जो तीन व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं, उनके माध्यम से अधिकारी यूक्रेन में फंसे नागरिकों के परिजनों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क साधने का प्रयास करें। बताया गया कि जिला स्तर के अधिकारी व्यक्तिगत रूप से निरंतर संपर्क बनाए हुए हैं।
ठहरने और खाने की व्यवस्था की गई
मुख्य सचिव ने कहा कि दिल्ली एवं मुंबई में राज्य की ओर से यूक्रेन से आने वाले उत्तराखंड वासियों के लिए समन्वय केंद्र बनाया गया है। सभी आगंतुकों के लिए ठहरने एवं खाने की व्यवस्था की गई है। दिल्ली से अपने गंतव्य तक लाने की व्यवस्था राज्य की ओर से की गई है।