उत्तराखंड में जंगल पर्यटन और ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान की अनूठी मिसाल। Uttarakhand 24×7 Live news
आज कॉर्बेट नेशनल पार्क में जंगल सफारी के दौरान प्रकृति प्रेमियों को वन्यजीवन की अद्भुत और रोमांचकारी झलक देखने को मिली। घने जंगलों और जैव विविधता के बीच यह अनुभव न केवल रोमांच से भरपूर रहा, बल्कि पर्यावरण के साथ गहरे जुड़ाव का एक भावपूर्ण अवसर भी बना। उत्तराखंड सरकार के निरंतर प्रयासों से आज जंगल सफारी पर्यटन को नई पहचान मिल रही है। देश-विदेश से हजारों पर्यटक कॉर्बेट पार्क की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिससे राज्य की पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को मज़बूती, और स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर मिल रहे हैं। जंगल गाइड्स, होटल व्यवसाय, जिप्सी सफारी, स्थानीय हस्तशिल्प – सभी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को नया बल मिला है।आज के दिन को खास बनाते हुए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरक पहल की गई – ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत वन विभाग की टीम, स्थानीय समुदाय और पर्यावरण प्रेमियों ने मिलकर 1000 से अधिक पेड़ लगाए। यह एक साधारण वृक्षारोपण नहीं, बल्कि मातृत्व और प्रकृति के प्रति सम्मान का जीवंत उदाहरण बना। यह अभियान लोगों को भावनात्मक रूप से पर्यावरण से जोड़ता है। हर पेड़ उस माँ के नाम पर समर्पित होता है, जिन्होंने हमें जीवन दिया । और अब हम धरती माँ के संरक्षण में अपना योगदान देते हैं। इस मौके पर वन विभाग की टीम से भी संवाद किया गया और उनके कार्यों की सराहना की गई। ये कर्मठ वनकर्मी वन्यजीवों की सुरक्षा, अवैध शिकार पर नियंत्रण और जंगलों की रक्षा में लगातार प्रयासरत हैं। उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण ही है जिससे उत्तराखंड की हरियाली सुरक्षित है। उत्तराखंड न सिर्फ रोमांचक पर्यटन स्थल बनता जा रहा है, बल्कि पर्यावरणीय चेतना का केंद्र भी बन रहा है। जंगल पर्यटन और प्रकृति संरक्षण का यह संतुलन ही उत्तराखंड की असली पहचान है।
