देहरादून करोड़ों-करोड़ भारतीयों के आस्था के प्रतीक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान की जन्मभूमि अयोध्या में श्री रामलला के दिव्य विग्रह पर देवभूमि उत्तराखंड के ऐपण कला से सुसज्जित रेशमी वस्त्रों में प्रभु श्रीराम के दर्शन उत्तराखंडवासियों के लिए गौरवशाली एवं असीम प्रेम का प्रतीक है।
यह रेशमी वस्त्र उत्तराखंड में प्रसिद्ध (शहतूती) मलबरी रेशम के धागे से बना है, जिसे देहरादून में उत्तराखंड को-ऑपरेटिव रेशम फेडरेशन के ब्रांड दूनसिल्क के द्वारा अपने हथकरघा बुनकरों के माध्यम से तैयार किया गया है। उत्तराखंड के सुदूर सीमावर्ती जनपद पिथौरागढ़ की युवती कुमारी निशा पुनेठा द्वारा अपनी अद्भुत ऐपण कलाकृति को उक्त वस्त्र पर उकेरा गया। उत्तराखंड को-ऑपरेटिव रेशम फेडरेशन के ब्रांड ‘दूनसिल्क’ को आज प्रभु श्रीराम जी का अपार प्रेम प्राप्त हुआ है। इससे राज्य में शहतूती रेशम उत्पादन में लगे समाज के गरीब आर्थिक रूप से पिछड़े कीटपालकों और रेशे बुनाई कार्यों में लगे सैकड़ों हजारों श्रमिकों को आशिर्वाद भी प्राप्त हुआ है। प्रभु श्रीराम जी के विग्रह स्वरूप में उत्तराखंड राज्य के शहतूती रेशम एवं राज्य की प्रमुख धरोहर ऐपण कला के वस्त्रों में प्रकट होना राज्य के लिए गौरवशाली एवं बहुत ही भावनात्मक क्षण है।
निबंधक सहकारी समितियां, उत्तराखंड सोनिका द्वारा इस अद्भुत कार्य हेतु रेशम फेडरेशन और इस पूरी प्रक्रिया में लगे सभी लोगों, ऐपण गर्ल को बधाई दी गई और कहा गया कि इससे निश्चित रूप से दूनसिल्क को एक नई पहचान मिलेगी एवं सर्वोत्तम कार्य करने की प्रेरणा भी।
इस अवसर पर प्रबंध निदेशक आनंद शुक्ला ने रेशम फेडरेशन द्वारा बहुत ही प्रसन्नता व्यक्त की और बताया कि करोड़ों-करोड़ भारतीयों के आस्था के प्रतीक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान की जन्मभूमि अयोध्या में श्री रामलला के दिव्य विग्रह पर देवभूमि उत्तराखंड के ऐपण कला से सुसज्जित रेशमी वस्त्रों में प्रभु श्रीराम के दर्शन बहुत ही गौरव एवं संतोष का विषय है। इसके लिए उनके द्वारा सर्वप्रथम माननीय मुख्यमंत्री जी का आभार प्रकट किया गया, जिनके माध्यम से ही फेडरेशन को यह गौरव प्राप्त हुआ। इसके साथ-साथ रेशम फेडरेशन की पूरी टीम, कार्य में लगे बुनकरों, कीटपालकों, कुमारी निशा पुनेठा, जिनके द्वारा इस वस्त्र पर ऐपण कार्य किया गया, को भी धन्यवाद दिया गया। निदेशक, रेशम प्रदीप कुमार ने भी इस मौके पर भारी प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि यह राज्य में पूरी तत्परता से लगे हजारों रेशम काश्तकारों एवं विभाग व फेडरेशन की समस्त टीम के लिए गौरवशाली क्षण है। प्रत्येक भारतीय के लिए प्रभु श्रीराम के आर्शीवाद से बढ़कर कुछ भी नहीं हो सकता।