लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को मूर्त रूप देकर धामी सरकार ने इतिहास रच दिया। बुधवार को उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता बिल पास हो गया। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सदन में इस विधेयक को पेश किया था। इसमें 392 धाराएं हैं, जिनमें से केवल उत्तराधिकार से संबंधित धाराओं की संख्या 328 है। विधेयक में मुख्य रूप से महिला अधिकारों के संरक्षण को केंद्र में रखा गया है। कुल 192 पृष्ठों के विधेयक को चार खंडों विवाह और विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार, सहवासी संबंध लिव इन रिलेशनशिप और विविध में विभाजित किया गया है। विधेयक के पारित होने के बाद इसे राजभवन और फिर राष्ट्रपति भवन को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। वहीं विधानसभा में विधेयक पारित होने के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड का यूसीसी मॉडल पुरे देश के लिए नजीर साबित होगा… सीएम धामी ने सभी प्रदेश वासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है , सीएम धामी ने कहा कि उच्च से किसी को डरने की जरूरत नहीं है हमने जनता यूसीसी का जनता से किया हुआ वादा पूरा किया है साथ ही यूसीसी का ड्राफ्ट बनाने के लिए विशेष समिति का गठन किया गया था जिसमें 2 लाख 33 हजार लोगों के सुझाव मिले इसके बाद ही ucc का ड्राफ्ट तैयार किया है, सीएम ने यह कानून सबके लिए समान रूप का कानून है सीएम का कहना है कि हमने विधानसभा में इसे पारित कर दिया है अब महामहिम राष्ट्रपति के पास इसे भेजा जाएगा
विधान सभा से समान नागरिक संहिता कानून पारित होने के पश्चात विधान सभा के गेट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोगों ने आतिशबाजी कर अपनी खुशी का इजहार भी किया। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का प्रदेश भाजपा कार्यालय में भी गर्मजोशी से स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री ने भाजपा कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल हुए और सभी का आभार जताया।