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देश का सबसे कम समय अवधि में जन्मा बालक इलाज के लिए पहुंचा काशीपुर। Uttarakhand 24×7 Live news

काशीपुर का सहोता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल नित नई नई चुनौतियों से पर पाकर नए मुकाम हासिल करने के लिए प्रसिद्ध है। इसी क्रम में हॉस्पिटल के सामने देश के सबसे कम समय में जन्म लेने वाले पहले लड़के को बचाने की चुनौती है।
काशीपुर में मुरादाबाद रोड स्थित सहोता स्पेशिलिटी के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि सहोता के मुताबिक इस नवजात लडके के जन्म की समयावधि 21 सप्ताह 5 दिन है जबकि गूगल के मुताबिक देश के सबसे कम समयावधि में जन्मे नवजात लड़के की समयावधि 24 सप्ताह है और उसका नाम अर्जुन है जोकि हैदराबाद का है। इस तरह से सहोता स्पेशलिटी हॉस्पिटल में एडमिट हुआ यह शिशु देश का सबसे कम समयावधि में जन्मा लड़का है। हॉस्पिटल में इलाज के लिए लाया गया यह नवजात लड़का बीते रोज पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के जिला रामपुर के स्वार से लाया गया है। इसका वजन 400 ग्राम है जबकि इसकी लंबाई 27 सेंटीमीटर है। हैदराबाद में जन्मे अर्जुन का वजन 430 ग्राम था तथा लंबाई 30 सेंटीमीटर थी। वजन के मामले में लड़के और लड़कियों में यह बेबी दूसरे नंबर पर आता है सबसे कम वजन की लड़की शिवन्या है जो 375 ग्राम की पैदा हुई थी। सहोता स्पेशलिटी हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ रवि सहोता के मुताबिक अधिकांशतः कम समय अवधि में जन्मे शिशुओं का जीवित बच पाने का औसत 10 प्रतिशत से कम रहता है। विदेशों में चाहे लंदन, न्यूयॉर्क, मेलबर्न आदि जगह पर यह औसत 6 से 7% ही रहता है। उन्होंने कहा कि चुनौतियों की बात की जाए तो कम समयावधि जन्मे इस शिशु की किडनी, फेफड़े, दिल आदि सभी अंग अपरिपक्व हैं। सबसे ज्यादा समस्या वैक्टीरियल संक्रमण की है जोकि क्लैपजियाला नामक है जोकि बेबी किलर साबित होता है। इसके अलावा सांस भूलने की समस्या बार बार आती है जोकि इस बच्चे में अब तक 8 बार आ चुकी है। अगर इन संक्रमण से इस बच्चे को बचा पाए तो हम इस बच्चे को बचाने में कामयाब रहेंगे। साथ ही इस बच्चे को बचाने के लिए 90 से 95 दिन तक एनआईसीयू में रखना होगा जिसमें कि उच्च स्तर की एनआईसीयू की जरूरत होगी जो कि हमारे हॉस्पिटल में उपलब्ध है।

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