देहरादून उत्तराखंड में दवा माफिया का इस कदर बोल बाला है कि वह नियम को भी ताक पर रखकर अपनी मनमानी करने पर उतारू हैं आलम यह है कि ब्लैक लिस्टेड दवा को भी उत्तराखंड में सप्लाई किए जाने की तैयारी की जा रही थी ।। मामला प्रकाश में आया तो अधिकारियो ने भी अब कंपनी पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी।।
डीबार दवा मामले का भंडाफोड़ हुआ तो कंपनी को खुद पर कार्रवाई होती देख उसके द्वारा विभाग को लिखित पत्र देते हुए संबंधित दवा डेक्सा इंजेक्शन को टेंडर से हटाए जाने की लिए कहा गया। दरअसल एग्रोन कंपनी की दवा जो राजस्थान में ब्लैक लिस्टेड थी जिसे बिना बताएं कंपनी के द्वारा उत्तराखंड सरकार को यह दवा भेजने की पूरी तैयारी कर ली गई थी मामला संज्ञान में आने के बाद कंपनी ने इसको लेकर एक पत्र लिखा जिसमें कंपनी के द्वारा बकायदा यह कहा गया कि संबंधित दवा को टेंडर में ना जोड़ा जाए ।। आपको बता दें कि एग्रोन कंपनी की दवा राजस्थान में ब्लैक लिस्ट है राज्य की पॉलिसी के अनुसार यदि कोई भी दवा किसी भी राज्य में ब्लैक लिस्ट होती है तो वो प्रतिभाग नहीं कर सकेगी ।। लेकिन कंपनी ने विभाग की आंखों में धूल झोंकने का पूरा प्रबंध किया जिसके बाद 22 दवाई लगभग एग्रोऑन कंपनी एल वन आई हैं।। आपको बता दें कि संबंधित दवा कंपनी के प्रतिनिधि के रूप में चर्चित साड़ी घोटाले शामिल प्रतिनिधि के द्वारा ही यह दवा सप्लाई की जा रही थी अब अधिकारी इसे गंभीरता से ले रहे हैं।। स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि एग्रोन कंपनी के द्वारा गलत शपथ पत्र दिया गया है जिसको लेकर कार्रवाई की जा रही है।।
दरअसल स्वास्थ्य सचिव पहले ही अधिकारियों को दवाओं के नाम पर लापरवाही न बरतने के निर्देश देते रहे हैं।। जिसका नतीजा है कि दवा खरीदारी से पहले ही अधिकारियों ने इस पर एक्शन ले लिया।। हालांकि अधिकारियों को ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई करने की भी जरूरत है जिससे यह नजीर बन सके आपको बता दें कि दवाओं के नाम पर पहले भी इस प्रकार की घोर लापरवाही पकड़ी जा चुकी है लेकिन कार्रवाई के नाम पर अभी भी विभाग के हाथ खाली ही है।।