बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रियायें हुई शुरू-19 नवंबर को 3 बजकर 35 मिनट पर बदरीनाथ के कपाट होंगे बंद। Uttarakhand24×7livenews
पृथ्वी पर मोक्ष धाम कहे जाने वाले श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की वैदिक परिक्रियायें शुरू हो गई हैं बता दें कि आगामी 19 नवंबर को सांय 3 बजकर 35 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने जा रहे है। वैदिक परंपराओं के अनुसार बदरीनाथ के कपाट बंद होने से पहले पंच पूजाओं का आयोजन किया जाता है, जिसकी शुरूवात बदरीनाथ में हो चुकी है।
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पंच पूजाओं के तहत सबसे पहले बदरीनाथ मंदिर के परिक्रमा पथ पर स्थित गणेश जी के कपाट बंद हुए, जिसके बाद आदि केदारेश्वर एवं आदि शंकराचार्य मंदिर के कपाट विधि विधान से वैदिक पूजाओं के संपादन के साथ बंद किए गए।
बता दें कि अभी तक श्री बदरीनाथ पहुंचकर – 1738872 ( सत्रह लाख अड़तीस हजार आठ सौ बहत्तर) तीर्थयात्री श्री बदरीनाथ भगवान के दर्शन कर चुके हैं। पिछले 10 दिनों मंे दो बार बदरीनाथ धाम में बर्फवारी होने के कारण बदरीनाथ धाम हल्की बर्फ की चादर से ढ़का हुआ है , बावजूद बदरीनाथ जी के दर्शन हेतु श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी है।
बदरीनाथ मंदिर के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने बताया कि अब 17 नवंबर बृहस्पतिवार को खडग पुस्तक पूजन के बाद वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जायेगा जिसके बाद 18 नवंबर को माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जायेगी व 19 नवंबर को बदरीविशाल के प्रधान पुजारी रावल जी स्त्री भेष धारण कर माता लक्ष्मी को श्री बदरीनाथ जी के समीप गर्भगृह में रखेंगे। इससे पहले बदरीविशाल जी के बडे भाई उद्धव व खजाने के रक्षक कुबेर बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह से बाहर मंदिर परिसर में लाये जायेंगे। इसी दिन यानी की 19 नवंबर को शाम 3 बजकर 35 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।
