ग्रामीण बोले कटान से गांव बचाने के लिए तीन माह पूर्व प्रशासन को कराया था अवगत
पिछले एक सप्ताह से लगातार पहाड़ों पर हो रही भीषण बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं, वहीं यूपी के कासगंज को अपनी पावन धारा से पवित्र करने वाली पतित पावनी गंगा नदी भी अपना रौद्र रूप धारण कर चुकी है। जिले के गंजडुंडवारा ब्लॉक क्षेत्र के गांव बरौना और बतौली समेत डेढ़ दर्जन तटवर्ती गांवों में गंगा ने अपना रूद्र रूप धारण कर लिया है। जल प्रलय की आहट से ग्रामीणों को न दिन में चैन है न रात में नींद, सब दहशत में है, वो सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। हालांकि जिला प्रशासन ने खतरे को भांपते हुए एक दर्जन गांवों में अर्लट जारी कर दिया है। बरौना गांव के एक दर्जन आशियाने कटान के मुहाने पर खडे हैं। प्रशासन ने इन परिवारों को सुरक्षित स्थान पर प्रशासन द्वारा लगातार खबर ली जा रही है, पीएसी के गोताखोरों ने गांव में डेरा डाल लिया है। रोकथाम के इंतेजामात किये जा रहे हैं, लेकिन गंगा का लगातार कटान गांव की ओर मुख करता जा रहा है, ग्रामीण भय से आशंकित होकर पलायन करने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं।
गंगा नदी की भेंट चढ़े शिव शंकर शाक्य भावुक होकर बताते हैं कि गंगा का कटान बंद होना चाहिए, प्रशासन कोशिश करें हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है सारे लोग आते हैं देख कर चले जाते हैं । कुछ लोग पीछे से चले जाते हैं फोटो खिंचवा कर चले जाते हैं। अब यहां कोई सुनवाई नहीं हो रही है। खाना हमको नहीं मिलता है। बच्चे हमारे भूखे प्यासे रो रहे हैं,पापा कहीं चलो हम बच्चों से कह रहे हैं ,पापा कहीं नहीं जायेगे, हम यहीं मर जाएंगे हमारे बच्चे भूखे मर रहे हैं,किसी को खाना देने तक की चिंता नहीं है। हमको कोई खाना नहीं खिला सकता, हम गंगा मैया की शरण में हैं, जो करेंगी, वो गंगा मैया करेंगी।