यूपी की राह पर उत्तराखंड
उत्तराखंड में भी मदरसों का होगा सर्वे uttrakhand24×7livenews
एंकर- उत्तर प्रदेश की तरह अब उत्तराखंड के मदरसों की जांच होगी। उत्तराखंड में इन दिनों मदरसों और वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को लेकर सख्ती बरतने की बात सामने आ रही है। जिन मदरसों को सरकारी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं उनकी क्या स्थिति है और इन मदरसों में सरकारी पैसों का किस तरह से सदुपयोग किया जा रहा है इसका पूरा ब्यौरा एकत्र किया जाएगा।
वीओ- उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे लगातार किए जा रहे है जो मदरसे मानकों को पूरा नहीं कर रहे है उन पर कार्यवाही भी जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मदरसों की जांच को लेकर प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि मदरसों को लेकर समय-समय पर तमाम तरीके की बातें सामने आती रहती हैं ऐसे में जांच होना जरूरी है ताकि सच सामने आ सके। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मदरसों के सर्वे कराने की बात कही है। जिसके बाद अब उत्तराखंड के मदरसा संचालकों में बैचेनी देखी जा रही है।
वीओ- उत्तराखंड में 419 मदरसे हैं, जिनको मदरसा बोर्ड की ओर से मान्यता दी गई है। जिनमे से हाल ही में 4 मदरसों के मानक न पूरे होने के कारण उनकी मान्यता समाप्त की गई है। 415 मान्यता प्राप्त मदरसों के करीब 700 अध्यापकों को भारत सरकार की एसपीक्यूएम योजना के तहत 12 हजार रुपए माहवार वेतन दिया जाता है। इसके अलावा किसी तरह की आर्थिक मदद उत्तराखंड में सरकार की और से नही दी जाती है। मदरसा बोर्ड के उप रजिस्ट्रार अब्दुल यामीन की माने तो मदरसा बोर्ड समय समय पर मदरसों में पहुंचकर निरीक्षण करता रहता है ताकि सब कुछ ठीक रहे।
