सहकारिता से आत्मनिर्भरता की ओर। Uttarakhand 24×7 Live news

0
IMG-20251007-WA0070.jpg

अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में मंगलवार को श्रीनगर के आवास विकास मैदान में जनपद स्तरीय सहकारिता मेले का भव्य शुभारंभ हुआ विधानसभा अध्यक्षा सुश्री ऋतु भूषण खंडूरी ने दीप प्रज्ज्वलित कर मेले का उद्घाटन किया,
मेले के शुभारंभ अवसर पर उन्होंने कहा कि सहकारिता केवल आर्थिक गतिविधि नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और ग्रामीण विकास की आत्मा है। जब महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आगे बढ़ रही हैं, तो यह न केवल परिवार बल्कि पूरे समाज की उन्नति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि ऐसे मेलों से स्थानीय उत्पादों को बाज़ार मिलता है और महिला समूह आर्थिक रूप से सशक्त बनते हैं, जो नई पीढ़ी को आत्मनिर्भरता की प्रेरणा देते हैं,
सहकारिता ग्रामीण विकास की रीढ़: डॉ. धन सिंह रावत
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार सहकारिता को केवल योजना नहीं, बल्कि रोजगार, उद्यमिता और ग्रामीण समृद्धि का आंदोलन बना रही है।
उन्होंने बताया कि अब तक 30 लाख लोग सहकारिता से जुड़ चुके हैं, और सरकार का लक्ष्य इसे 50 लाख लोगों तक पहुंचाने का है।
डॉ. रावत ने कहा कि सहकारिता मेलों के माध्यम से ग्रामीण उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार तक पहुँचाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। इससे न केवल युवाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि महिला समूहों को आर्थिक सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्षा एवं कैबिनेट मंत्री द्वारा पशुपालन क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले तीन स्वयं सहायता समूहों
धारी देवी समूह (पोखरी), सुखरो देवी समूह (सुखरो) और निर्मल समूह पदमपुर सुखरो को 5-5 लाख रुपये के चेक वितरित किए गए साथ ही पशुपालन एवं मुर्गीपालन कार्य करने वाले लाभार्थियों अनूप सिंह, अर्जुन सिंह, मानवेन्द्र सिंह, जयपाल सिंह, प्रेमलाल, राजेन्द्र सिंह और सुशिला देवी को 1.50 से 1.60 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की गई
स्थानीय उत्पादों को बाजार और युवाओं को रोजगार देगा मेला
नोडल अधिकारी पौड़ी अपर निबंधक सहकारिता श्री आनंद शुक्ल ने कहा कि सहकारिता मेलों के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को स्थायी बाजार और पहचान मिल रही है। उन्होंने कहा कि जनपद के महिला और युवक समूहों द्वारा तैयार जैविक उत्पाद, हस्तशिल्प, दुग्ध, पशुपालन एवं कृषि उत्पाद न केवल ग्रामीणों की आय बढ़ा रहे हैं बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन का बड़ा माध्यम बन रहे हैं।
15 अक्टूबर तक चलेगा सहकारिता मेला
कार्यक्रम में विभिन्न विभागों कृषि, उद्यान, मत्स्य, डेयरी, पशुपालन, उरेडा, उद्योग, पर्यटन, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, सहकारिता और सेवायोजन — के स्टॉल लगाए गए हैं, जिनका जनता ने उत्साहपूर्वक अवलोकन किया।
यह मेला 07 से 15 अक्टूबर 2025 तक चलेगा और ग्रामीण उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed