चलिए लंबे इंतजार के बाद आखिरकार इस सीज़न की पहली बर्फबारी से जनपद के ऊपरी क्षेत्रों में बर्फ की चांदनी चमकने लगी है जिससे यहां पर्यटक से जुड़े हुए लोगों के साथ साथ पर्वतीय काश्तकारों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है तो बहुत सारे ऐसे क्षेत्र भी बर्फबारी में शामिल हैं जिनको हर सीजन की बर्फबारी के चलते भारी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है।
पिछले तीन दिनों से जिले भर में चल रही शीतलहर से कड़ाके की ठंड के चलते जिला प्रशासन ने विभिन्न स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की थी तो वहीं मौसम विभाग की पूर्वानुमान के अनुसार कल देर रात से बद्रीनाथ,जोशीमठ,ओली, रूपकुंड,वेदनी कुण्ड,आली बुग्याल,मोनाल टाप, खांकरखेत,लोहाजंग,वाण,पाणा,इराणी,झिंझी आदि ऊपरी क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई है जिस कारण निचले क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड से आम जनमानस को दो चार होना पड़ रहा है।
विश्व प्रसिद्ध रूपकुंड,वेदनी कुण्ड, बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब,आली बुग्याल,मोनाल टाप,लाटू धाम आदि साहसिक पर्यटन ट्रैक की बात करें तो यहां पर्यटन गाइड, होटल और होमस्टे व्यवसाय से जुड़े हीरा सिंह गढ़वाली और इंद्रसिंह राणा का कहना है कि लंबे इंतजार के बाद इस सीजन की पहली बर्फबारी से क्षेत्र में पर्यटकों की आमद बढ़ने की अपार संभावनाएं बन गई हैं। हीरा सिंह गढ़वाली बताते हैं कि उनके पुराने पर्यटकों का लगातार पिछड़ दिनों से फोन आ रहे थे और पूछ रहे थे कि बर्फ गिरी कि नहीं। उन्होंने बताया कि कल देर रात को ही उन्होंने सभी संपर्कों को बर्फबारी की सूचना दे दी है।वे बताते हैं कि आगे दो चार दिन और लगातार बेहतरीन बर्फबारी होने की पूरी संभावना है जिससे पर्यटक व्यवसाय से जुड़े लोगों के रोजगार बढ़ने की पूरी उम्मीद की जा रही है।
तो वहीं बद्रीनाथ -जोशीमठ क्षेत्र से लगा हुआ पाणा,ईराणी और झिंझी आदि ऊपरी क्षेत्रों में भी जमकर देर रात को बर्फबारी हुई है।पाणा ईराणी के ग्राम प्रधान मोहनसिंह नेगी और दिनेश सिंह ने कहा कि कल देर रात को हुई बर्फबारी से हमारे क्षेत्र के पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के चेहरे खिले हुए हैं निश्चित रूप से उनका रोजगार बढेगा साथ ही पर्वतीय काश्तकारों को उनके सेब,गेंहू आदि की फसलों को भी इसका लाभ मिलता है और इसके साथ ही दूसरी तरफ लगातार बर्फबारी के चलते लोगों को बहुत सारी मुश्किलों से भी गुजरना पड़ता है। उन्होंने बताया कि हमारे यहां पांच से सात आठ फीट तक बर्फ जम जाती है जिससे लोगों को अपने मवेशियों के लिए चारापत्ती वगैरह की बहुत दिक्कत होती है साथ ही पानी की समस्याओं और आवागमन में भारी दिक्कत आती हैं।
बहरहाल कल रात से हुई बर्फबारी से चारों ओर खुशहाली का माहौल बना हुआ है। पर्वतीय काश्तकारों को बेसब्री से बारिश और बर्फबारी का लंबे समय से इंतजार था। बताते चलें कि पर्वतीय काश्तकारों की उपज अधिकांशतः बारिश और बर्फबारी पर ही निर्भर रहती है और पिछले काफी समय से यहां के काश्तकारों के बिना बारिश और बर्फबारी के मुंह लटके हुए थे जो कल रात हुई हल्की बारिश और बर्फबारी के बाद कुछ राहत मिलने से खिल उठे हैं।
वहीं दूसरी ओर बताते चलें कि इस बार विश्व प्रसिद्ध हिमक्रीडा स्थल औली में विंटर्स नेशनल गेम्स होने हैं कल रात से अच्छी बर्फबारी होने के कारण इस बार स्केटिंग गेम्स की आस भी जग चुकी है क्योंकि पिछले वर्षों कम बर्फबारी की वजह से विंटर्स गेम्स रद्द हो गये थे लेकिन इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि बर्फबारी अच्छी होगी और औली में इस सीज़न के विंटर्स गैम आयोजित होगा।