चिंताजनक ! हां चार धाम यात्रा की शुरुआत में ही कुछ चिंताजनक पहलू सामने आए हैं, अनियंत्रित यात्रा अभी और कष्टदायक हो सकती है। सरकार को स्पष्ट प्लान बनाना चाहिए यात्रा का, महीने भर का बनाएं या दो भागों में सीजन को बांट करके बनाएं और उस प्लान के अनुरूप ही यात्रा मार्गों में सुविधाओं आदि कि व्यवस्था होनी चाहिए, जाम में फंसे हुए यात्री पानी के लिए भी तरस जाएं इस स्थिति से हमको बचना चाहिए। क्या यह संभव नहीं है कि हम बद्रीनाथ और हेमकुंड साहब की यात्रा मार्गों के रूप में कोटद्वार और रामनगर से बद्रीनाथ की और चलने वाले पुराने यात्रा मार्ग को फिर से प्रचारित प्रसारित करें और यात्रियों को इन यात्रा मार्गो से बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित करें यह ऐतिहासिक यात्रा मार्ग हैं। सारा बोझ हरिद्वार,ऋषिकेश से निकलने वाली यात्रा मार्ग पर डालना कहां तक उचित होगा और फिर हम ऋषिकेश से नरेंद्र नगर होकर भी यात्रा मार्ग का संचालन करें ताकि एक दो ऐसे धामों के लिए यात्री इस मार्ग का अनुसरण करें, यात्रा मार्गो का निर्धारण और उनको विकसित करना यह सरकार का अपना दायित्व है।
Pushkar Singh Dhami Indian National Congress Uttarakhand