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डी ए वी कॉलेज छात्र संघ सप्ताह में विशिष्ट अतिथि के रूप में हुए शामिल। Uttarakhand 24×7 Live news

देहरादून डी ए वी कॉलेज छात्र संघ सप्ताह में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होने का अवसर मिला इस मौके पर शुभकामनाएं देने के बाद छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि डी ए वी कॉलेज का अपना गौरवशाली इतिहास है और यह एक लम्बी विरासत का संवाहक है। मुझे गर्व है कि मैं भी इसी कॉलेज का छात्र रहा हूं, इस लिहाज से आपका बड़ा भाई भी हूं,आज देश जिस दौर से गुजर रहा है, एक संवेदनशील नागरिक होने के नाते मुझे लगता है जितनी चिंता मुझे है, कदाचित आपको उससे कहीं अधिक होगी। मेरा मानना है कि देश की युवा शक्ति ही समाज और देश को नई दिशा देने का सबसे बड़ा औजार है। वह अगर चाहे तो इस देश की सारी रूपरेखा बदल सकती है। अपने हौसले और जज्बे से समाज में फैली विसंगतियों, असमानता, अशिक्षा, बेरोजगारी, महंगाई, अपराध आदि बुराइयों को जड़ से उखाड़ फेंक सकती है। युवा शब्द ही मन में उड़ान और उमंग पैदा करता है। आज जिस उत्सव का मैं भागीदार बन रहा हूं, वह मुझे भी इस कॉलेज के शानदार अतीत की यादें ताजा करने का अवसर है और आपके साथ के कारण मैं वही ऊर्जा, वही जोश और वही उमंग महसूस कर रहा हूं,जो आप में है। युवाओं के सानिध्य का सबसे बड़ा लाभ ही यही है कि हम उम्र को ताक पर रख अपने अंदर युवापन महसूस करते हैं, मुझे इस वजह से भी आपके बीच आकर एक अद्भुत आनंद का अनुभव होता है।
आज की युवा शक्ति कल का भविष्य है, इतिहास साक्षी है कि जब जब युवा उठ खड़ा हुआ है, विश्व में बदलाव आया है। शायद आज की युवा पीढ़ी को अपनी इस शक्ति का अंदाजा नहीं है। आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी की है। हमारे पढ़े लिखे बीस करोड़ नौजवान बेरोजगार हैं, उनके हाथ में डिग्री है लेकिन उन्हें काम नहीं मिल रहा है। सरकारी नौकरियों पर ताला पड़ा है। अगर कुछ नौकरियां खुल रही हैं तो पेपर लीक हो जाता है या फिर बंदरबांट हो जाती है जबकि योग्य उम्मीदवार ठगा रह जाता है। इस स्थिति को बदलने की जरूरत है और यह तभी संभव है जब नौजवानों की भृकुटि तनेगी,कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा युवा शब्द ही मन में उड़ान और उमंग पैदा करता है। उम्र का यही वह दौर है जब न केवल उस युवा के बल्कि उसके राष्ट्र का भविष्य तय किया जा सकता है। निसंदेह युवाओं में असीमित क्षमता होती है। आज के भारत को युवा भारत कहा जाता है क्योंकि हमारे देश में असम्भव को संभव में बदलने वाले युवाओं की संख्या सर्वाधिक है। आंकड़े बताते हैं कि भारत की 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष आयु तक के युवकों की और 25 साल उम्र के नौजवानों की संख्या 50 प्रतिशत से भी अधिक है। ऐसे में यह प्रश्न महत्वपूर्ण है कि युवा शक्ति वरदान है या चुनौती? महत्वपूर्ण इसलिए भी यदि युवा शक्ति का सही दिशा में उपयोग न किया जाए तो इनका जरा सा भी भटकाव राष्ट्र के भविष्य को अनिश्चित कर सकता है।
मैं आज के इस खास मौके पर आह्वान करना चाहूंगा कि आप सब नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें। वक्त आपका इंतजार कर रहा है। दूसरे शब्दों में कहूं तो अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्र आपका आह्वान कर रहा है,मेरी आपसे अपील रहेगी कि आंखों में उम्मीद के सपने, नयी उड़ान भरता हुआ मन, कुछ कर दिखाने का दमखम और दुनिया को अपनी मुठ्ठी में करने का साहस, हरदम कुछ नया कर गुजरने की चाहत, नित नई-नई चुनौतियों का साम वीना करने तैयार रहना आपकी जिम्मेदारी है और जो एक बार करने की ठान लें तो लाख मुश्किलें भी उसको बदल नहीं सकती।

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