शारदीय नवरात्र शुरू हो गए हैं नवरात्रों में 09 दिनों तक शक्ति की आराधना की जाती है। धर्मनगरी हरिद्वार में यूं तो माता के कई मंदिर हैं लेकिन यहां बिल्व पर्वत पर स्थित मां मनसा देवी मंदिर में नवरात्रों के दौरान श्रद्धालुओं का तांता लग जाता है। देश भर से श्रद्धालु मन में मुरादें लेकर मां मनसा देवी के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्राचीन काल में महिसासुर नामक राक्षस देवताओं और मनुष्यों पर अत्याचार कर रहा था। जब महिसासुर के अत्याचार से सभी दु:खी हो गए तब देवताओं ने मां दुर्गा से महिषासुर का वध करने की प्रार्थना की। देवताओं के मन से की गई प्रार्थना पर माँ दुर्गा ने अवतार लिया और महिसासुर का संहार कर अत्याचारों से मुक्ति दिलाई। माँ दुर्गा के इस स्वरुप का अवतार मन से हुआ था इसीलिए माँ के इस स्वरुप का नाम मनसा देवी पड़ा और उस समय से माँ मनसा बिल्व पर्वत पर विराजमान हैं।
मनसा देवी मंदिर में यूं तो साल भर भक्तों का जमावड़ा रहता है लेकिन नवरात्र के दिनों में यहां का नज़ारा और भी खास हो जाता है। रोजाना हजारों की संख्या में पहुंचने वाले श्रद्धालु मां मनसा देवी के दर्शन करते हैं और मंदिर में कई जगहों पर अपनी मुरादों के लिए धागे भी बांधते हैं। सभी भक्त अपने-अपने तरीके से माँ को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। मां मनसा देवी की महिमा को लेकर भक्तों के अपने-अपने अनुभव हैं भक्त मानते हैं कि माता के दरबार में उन्होंने जो भी मांगा है उन्हें उसकी प्राप्ति हुई है इसलिए वे बार-बार मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। धर्मनगरी हरिद्वार हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां मां गंगा के अलावा कई पवित्र स्थान हैं। हरिद्वार में यूं तो साल भर लाखों की तादाद में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं लेकिन नवरात्रों के दिनों में हरिद्वार के माता के मंदिरों में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है। नवरात्र के पावन दिनों में माता के मंदिर भी माता के जयकारों से गूंज रहे हैं।