उधम सिंह नगर के जसपुर में मुस्लिम महिलाओं की आजादी पर प्रतिबंध लगाने का ऐसा फरमान जारी किया है जोकि एक चर्चा का विषय बन गया। चर्चा का विषय भी इसलिए बना क्यों कि मुस्लिम युवतियों और महिलाओं को शादी विवाह समरोह में जाना, मोबाइल यूज़ करना, सोशल मीडिया पर प्रतिबंधित लगाने के साथ साथ 28 अलग अलग बिंदुओं पर महिलाओं को प्रतिबंधित किया गया है। जोकि एक महिला की अभिआजादी पर एक निशाना है।
भले से इस फरमान में 28 बिंदुओं को लागू करने की बात कही गई है, लेकिन कंही ना कंही इस फरमान में कुछ शर्तें ऐसी भी है, जिनसे लगता है कि महिलाओं के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। उनकी आजादी पर पाबंदी लगाई जा रही है जिसमे कुछ नियम ऐसे है जैसे लड़कियों और महिलाओं का मोबाइल उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाया गया है फरमान में लिखा गया है कुछ स्कूल और कॉलेज ऐसे है जंहा मुश्लिम लड़कियों के खिलाफ साजिश की जाती है ऐसे स्कूलों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है
वंही इस फरमान को लेकर सदर मौलाना साजिद रजा से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि हर समाज से बुराइयां खत्म की जानी चाहिए लड़कियों द्वारा लड़को का स्वागत किया जाता है कुछ लड़के ऐसे होते है जो माताओं ओर बहनों को गलत नजर से देखते है इसलिए किसी भी समारोह में स्वागत खत्म किया जाए उन्होंने कहा शादी समारोह में औरतें ओर आदमी एक साथ खाना खाते है कुछ लड़के शरारती होते है इसलिए नियम बनाया गया कि लड़कियों का खाना अलग हो और लड़कों का खाना अलग होना चाहिए वंही मोबाइल पर लगे प्रतिबंध को लेकर उन्होंने कहा कि कंही जरूरी हो तो बात कराई जाए क्यों की इंटरनेट के जरिये बहाई फेल रही है इसलिए मोबाइल के उपयोग पर पाबंदी लगाई गई है अगर इन सब बिंदुओं को मानेंगे तो सुधार आएगा राज्य महिला आयोग उपाध्यक्ष सायरा बानो का कहना है कि जो ये तुगलकी फरमान जारी किया है महिला की आजादी पर हनन है और वह इस मामले को आयोग में लेकर जाएंगी,अब देखना है कि जसपुर के मौलाना जी का 28 विन्दुओं के फरमान पर मुस्लिम वर्ग कितना खरा उतरता है कब तक इस फरमान का असर जारी रहेगा या यह फ़रमान तुगलकी फरमान बनकर रह जाएगा।