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4 दिन में सिमटा बजट सत्र, 21 घंटे चली कार्यवाही। Uttarakhand 24×7 Live news

एंकर – गैरसैण के भराड़ीसैंण में आयोजित किए गए विधानसभा के बजट सत्र का आयोजन इस बार भी अल्पावधि के लिए ही रहा। बजट सत्र 13 मार्च से 18 मार्च तक आहूत किया गया था। लेकिन 16 मार्च को ही सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। चार दिन तक चले इस बजट सत्र की कार्यवाही 21 घंटे 36 मिनट तक चली।

वीओ – वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भराड़ीसैंण विधानसभा में 77407.08 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। पिछले वर्ष की तुलना में यह 18.05 प्रतिशत अधिक है। बजट सत्र के दौरान विधान सभा को 603 प्रश्न प्राप्त हुए, जिसमें स्वीकार 8 अल्पसूचित प्रश्न में 1 उत्तरित,
180 तारांकित प्रश्न में 46 उत्तरित,
380 आताराकिंत प्रश्न में 197 उत्तरित,
कुल 29 प्रश्न अस्वीकार / निरस्त किए गए।
हालांकि 4 दिन में ही इस बार बजट सत्र को समेट दिया गया, लेकिन गैरसैण में इस बार भी ऐतिहासिक फैसले लिए गए। ग्रीष्मकालीन राजधानी जैसा बड़ा फैसला भी चमोली की धरती गैरसैण में ही लिया गया था। इस बार विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा नेता प्रतिपक्ष समेत कांग्रेस के सभी विधायकों को निलंबित करने की नजीर भी गैरसैंण में ही बनी। आपको बता दें कि गैरसैंण में सबसे बड़ा दांव वर्ष 2020 में तत्कालीन भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चला था। ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा कर त्रिवेंद्र ने 20 वर्ष से चले आ रहे विवाद में तस्वीर साफ कर दी थी। साथ ही विपक्ष के हाथ से बड़ा मुद्दा भी छीन लिया। वर्ष 2021 में सत्र में गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने का ऐलान से भी त्रिवेंद्र ने चौका दिया था हालांकि विरोध के बाद सरकार को इस फैसले पर बैकफुट पर आना पड़ा। अब 2 साल बाद इस बार इस सत्र को लेकर सभी उम्मीदें लगाए थे कि इस बार भी गैरसैंण जरूर एक नई मिसाल लेकर आएगा। ऐसा हुआ भी, सरकार ने सत्र के दौरान हुई कैबिनेट बैठक में राज्य आंदोलनकारियों की सरकारी नौकरी में 10% क्षैतिज आरक्षण पर सब कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। अब यह आरक्षण विधेयक राजभवन भेजा जाएगा जिससे विधेयक को कानून के रूप में लागू किया जा सके। अब इसे भी औपचारिक ही माना जा रहा है राज्य निर्माण आंदोलनकारी लंबे समय से इस फैसले का इंतजार कर रहे थे। राज्य के इतिहास में विपक्ष ने सदन में ऐसा हंगामा भी पहली बार किया है उसके बाद स्पीकर ने अभूतपूर्व फैसला लेते हुए 15 विधायकों को निलंबित कर दिया। सरकार और विपक्ष के अनुरोध के बावजूद भी स्पीकर ने अपना फैसला बरकरार रखा। वहीं सत्र के अंतिम दिन विशेषाधिकार हनन के मामले में अफसरों के जवाब तलब का आदेश देकर नौकरशाही में भी खलबली मचा दी। चार दिन तक चले बजट सत्र में विपक्ष ने सदन के अंदर और बाहर बेरोजगार पर लाठीचार्ज, अंकिता हत्याकांड, शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, पर्यटन, शिफ़्न कोर्ट, यूक्रेन युद्ध से उत्तराखंडी छात्रों की बाधित मेडिकल की पढ़ाई समेत कई जनहित से जुड़े मुद्दों पर सरकार को घेरा। स्पीकर ऋतु खंडूड़ी से दुर्व्यवहार का मामला भी सुर्खियों में रहा। कांग्रेस विधायकों का निलंबन और फिर इस मुद्दे पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हुई सार्थक बहस के बाद मामले को शांत किया गया।
धामी सरकार के मंत्री भी विपक्ष और अपने ही विधायकों के सवालों में घिरे। सीएम धामी ने अपने बजट भाषण में बेहतर उत्तराखण्ड के पक्ष में कई तर्क रखे। चार दिन के अंदर ही बजट पास करा लिया गया। हालांकि, पूर्व में 18 मार्च तक सदन चलाने की बात कही गयी थी। लेकिन हमेशा की तरह बजट सत्र की अवधि कम रहने पर जनता के मन में कई सवाल कौंध रहे हैं। बहरहाल, सत्ता पक्ष और विपक्ष ने चार दिन के बजट सत्र में अपने-अपने एजेंडे को खूब भुनाया।

सदन में पास कराए गए विधेयक

उत्तराखण्ड मत्स्य अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2022

उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1916) (संशोधन) विधेयक, 2022

उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959) (संशोधन) विधेयक,

उत्तराखण्ड पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा तथा विधिमान्यकरण विधेयक, 2022

उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम, 1901) (संशोधन) विधेयक, 2022

उत्तराखण्ड सहकारी समिति (संशोधन) विधेयक, 2022

उत्तराखण्ड राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबन्धन (संशोधन) विधेयक, 2023

यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलोजी रुड़की (संशोधन) विधेयक, 2023.

उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार (संशोधन) विधेयक, 2023,

उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) विधेयक, 2023,

सरकारी अनुदान अधिनियम, 1895 (उत्तराखण्ड संशोधन) विधेयक, 2023,

उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2023,

उत्तराखण्ड विनियोग विधेयक, 2023

अध्यादेश

उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश।

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