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न्याय की मांग को लेकर पूर्व सीएम धरने पर। Uttarakhand24×7livenews

देहरादून अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री राजधानी देहरादून के गांधी पार्क में धरने पर बैठ गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का यह धरना सोमवार दोपहर 12:00 से मंगलवार दोपहर 12:00 तक जारी रहेगा। हरीश रावत का आरोप है कि इस पूरे मामले में सरकार की ओर से लापरवाही बरती जा रही है।
पौड़ी गढ़वाल निवासी अंकिता भंडारी की गंगा भोगपुर स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके अन्य दो साथियों ने 18 सितंबर की रात नहर में फेंककर हत्या कर दी थी। अंकिता भंडारी इस रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी। इस घटना ने पूरे उत्तराखंड को हिला कर रख दिया है। पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग उठती रही। बाद में नैनीताल हाईकोर्ट ने एसटीएफ की जांच पर भरोसा जताया है। अब लगातार इस मामले में राजनीतिक दल सरकार पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। वहीं सरकार की ओर से अपने स्तर से इस में सफाई भी दी जा रही है।
अब इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने तमाम समर्थकों के साथ राजधानी देहरादून के गांधी पार्क में धरने पर बैठ गए हैं। बता दें कि 2 दिन पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर इसकी जानकारी साझा की थी। पोस्ट के माध्यम से अन्य राजनीतिक दलों को भी इस धरना प्रदर्शन में शामिल होने की अपील भी की गई थी। हालांकि अन्य दलों की मौजूदगी प्रदर्शन में नहीं देखने को मिली है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि महिला सुरक्षा में प्रदेश पूरी तरह से संतुलन खो चुका है। इतना ही नहीं राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए हरदा ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में साक्ष्यों को छुपाने की भी कोशिश की गई है जो जगजाहिर है।
हरीश रावत के इस धरने पर बीजेपी ने कटाक्ष किया है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि न्यायालय के निर्देश के तहत काम किया जा रहा है और कहीं से भी कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि हरीश रावत जैसे व्यक्ति को इस तरह से न्यायालय के खिलाफ धरना नहीं देना चाहिए। हरीश रावत वरिष्ठ नेता हैं और उनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। महेंद्र भट्ट ने कहा कि हरीश रावत को न्यायालय का सम्मान करना चाहिए। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह मामला न्यायालय में है और न्यायालय के दिशा-निर्देशों के तहत आगे की कार्यवाही कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में कहीं से भी कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। आपको बता दें कि इस घटना के सामने आने के बाद से ही उत्तराखंड बीजेपी ने पुलकित आर्य के पिता और भाई को बीजेपी से निष्कासित कर दिया। सरकार ने इस मामले में त्वरित जांच के लिए एसटीएफ को जिम्मेदारी सौंपी है और एसटीएफ इस मामले की छानबीन कर रही है। एसटीएफ ने इसमें चार्जशीट भी दाखिल कर दिया है और आगे जांच की कार्यवाही भी की जा रही है।

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