देवभूमि उत्तराखंड में शरदीय नवरात्रि को लेकर श्रद्धालुओं में खूब उत्साह देखने को मिल रहा है,भक्त सुबह के वक्त से ही मंदिरों और शिवालयों में उमड़ने लगे है,बता दें कि शरदीय नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री की समर्पित होता है.नवरात्रि के प्रथम दिन मां के शैलपुत्री स्वरूप की उपासना होती है.हिमालय की पुत्री होने के कारण इनको शैलपुत्री कहा जाता है.ऐसे में शरदीय नवरात्रि के पहले दिन,भक्त ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करते हैं और साफ वस्त्र धारण करते हैं। इसके बाद,एक चौकी पर गंगाजल छिड़ककर उसे शुद्ध किया जाता है और फिर उस पर मां दुर्गा की मूर्ति, तस्वीर या फोटो स्थापित की जाती है। पूरे परिवार के साथ विधि-विधान से कलश स्थापना की जाती है।
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