रिपोर्ट : कुलदीप मैठाणी
जौनपुर :
धनोल्टी जौनपुर, जौनसार क्षेत्र में दीपावली के एक माह बाद मनाए जाने वाले मुख्य त्यौहार मंगसीर की बग्वाल (पहाड़ी दिवाली ) की तैयारी जोरों पर है। चार दिसंबर से शुरू होने वाली बग्वाल पर्व को लेकर ग्रामीणो में खासा उत्साह है।
आपको बता दें कि जौनपुर क्षेत्र पूरे उत्तराखंड में अपनी संस्कृति सभ्यता में अलग ही पहचान रखता है जो कि यहां की वेशभूषा, रीति रिवाज, पहनावत उत्तराखंड की संस्कृति में अलग ही पहचान रखती है
जौनपुर जौनसार क्षेत्र में हर त्योहार मनाने का अलग, अलग महत्व वर्णित है, बारह महीनों के बारह त्योहारों में भिन्न भिन्न पकवानों की महत्ता भी खास है, दीपावली के ठीक एक माह बाद मनाई जाने वाली बग्वाल की तैयारी को लेकर ग्रामीणों में खासा उत्साह है।
जौनपुर, जौनसार क्षेत्र में मंगसीर की बग्वाल में शगुन के तौर में अपने सगे सम्बंधियों से लेकर रैणी, धियाणियों को दिए जाने वाली दुफ़ारी चूड़ा बनाने पर ग्रामीण व्यस्त है।
पहाड़ी क्षेत्रों में दीपावली के एक माह बाद मनाई जाने वाली
बग्वाल पर कई किदवंतिया है, कई लोग इस बग्वाल को भगवान रामचन्द्र के अयोध्या वापस आने की खुशी से तो कई क्षेत्रों में वीर भड़ माधो सिंह भंडारी की गोरों से युद्ध की विजयी गाथा से जोड़ते है ।
इस पर्व पर ग्रामीण गेहूं के खेतो पर भेलू जलाकर ढोल नगाड़े लेकर नचाते है ।