Breaking Dehradun UK-7 header HEADLINES Latest news Uttarakhand

सिल्क वेस्ट कबाड़ से बेस्ट स्पन रेशमी धागा उत्पादन हुआ प्रारंभ। Uttarakhand24×7livenews

अब फेडरेशन को अपने विविध उत्पादों के लिये स्पन धागे पर अन्य राज्यों पर निर्भरता होगी समाप्त

उत्तराखण्ड को-आपरेटिव रेशम फेडरेशन  द्वारा ग्रोथ सेन्टर सेलाकुई में अपनी धागाकरण इकाई में रेशम धागे बनाने के लिये उपयोग मे लाये जा रहे रेशम कोया में से अवषेष सिल्क वेस्ट से पहली बार स्पन रेशमी धागा का उत्पादन काटघई पर आज से प्रारम्भ कर दिया गया है, जिसका विधिवत् उद्घाटन अध्यक्ष, रेशम फेडरेशन चौ0 अजीत सिंह द्वारा   किया गया। इस काटघई हस्त चलित चरखे की धागाकरण इकाई से उत्पादित होने वाले स्पन रेषमी धागे का बाजार मूल्य 4000 से 5000 कि0ग्रा0 तक है, जिसका उपयोग मोटे रेशमी उत्पादों तथा कालीन, वेस्ट कोट, रेशमी मिश्रित एवं रेशमी शॉल बनाने मे किया जा जाएगा

फेडरेशन द्वारा अपनी रेशम धागाकरण इकाई में धागे बनाने क बाद बचे हुये सिल्क वेस्ट/बेसिन रिफयूज को बाहरी व्यापारियों को बहुत कम दाम पर बेचा जा रहा था, क्योकि प्रदेश में हैण्ड स्पन धागा कताई नही की जाती थी। सहकारिता मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत एवं सचिव सहकारिता के वैल्यू एडिसन एवं कम्प्लीट वैल्यू चैन का मंत्र का यथार्थ में धरातल पर उतारने हेतु चरणवद्ध ढंग से एक पूर्ण व्यावसायिक मॉडल की दिशा में एक और कदम उठाते हुये एक प्रकार से कबाड़ से रेशमी धागा बनाने की संकल्पना को धरातल पर उतारा गया है,  (इसीलिए इसे वेस्ट से बेस्ट कहा गया है )

इस इकाई के प्रारम्भ होने से जहां एक और 4 कुशल श्रमिकों को रोजगार प्राप्त होगा जिससे 1200 मानव दिवसो का सृजन होगा, वहीं फेडरेशन को अपने विविध उत्पादों के लिये स्पन धागे पर अन्य राज्यों पर निर्भरता समाप्त होगी एवं फेडरेषन को वर्ष में लगभग 8.00 लाख की अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। इस अवसर पर प्रबंध निदेषक द्वारा ग्रोथ सेन्टर में बाकी अन्य दो रीलिंग इकाईयों के संचालन की कार्ययोजना तैयार करने का निर्देष दिया गया जिस हेतु आवष्यक कच्चा रेशम की आपूर्ति हेतु अन्य राज्यों से रेशम क्रय हेतु टाईअप करने का सुझाव दिया गया। उक्त के अतिक्ति प्रबंध निदेशक आनन्द शुक्ला  द्वारा बताया गया कि ग्रोथ सेन्टर में स्थापित किये जा रहे पावर लूम इकाई के विधिवत् उद्घाटन के बाद यह रेशम क्षेत्र में एक आदर्श व्यावसायिक मॉडल के रुप में विकसित होगा जहां पर रेशम कोया क्रय/विक्रय, रेशम धागा उत्पादन, टिविस्टिंग इकाई संचालन, पावरलूम पर बाजार की मांग के अनुसार कम कीमतों पर स्थानीय रेशम से बनी रेशमी साड़ियां , सूट, दुपट्टा, फेब्रिक इत्यादि का व्यावसायिक स्तर पर उत्पादन होगा, जिस हेतु वर्षो  पहले स्थापित सी0एफ0सी0 इकाई का पुर्नजीवित किया जायेगा एवं आवश्यकता अनुसार अन्य संयत्रों की स्थापना की जायेगी। 

अध्यक्ष यूसीआरएफ द्वारा  हर्ष जताते हुए कहा गया  कि विगत 5 सालों में फेडरेशन प्रत्येक दिन एक नई शुरुआत कर रहा है और यह गौरव का विषय समस्त प्रबध समिति का होगा । इस अवसर पर प्रबंध निदेशक रेशम फेडरेशन, आनन्द ए0डी0शुक्ल, उपाध्यक्ष  विक्रम सिंह विष्ट, निदेशक प्रबध समिति  धर्मबीर सिंह तोमर, प्रबंधक यूसीआरएफ  मातबर सिंह कण्डारी, प्रभारी ग्रोथ सेन्टर  अमित नेगी सहित सभी कर्मचारी उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *