Rishikesh Society Uttarakhand

देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर भैंरव सेना द्वारा किया गया देवस्थानम बोर्ड का पुतला दहन ।

देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर 4 अक्टूबर को तीर्थ पुरोहित महापंचायत और भैंरव सेना के द्वारा सामूहिक प्रेस कांफ्रेंस के द्वारा दी गई आंदोलन की चेतावनी के अंतर्गत, आज दर्जनों कार्यकर्ता ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट चौक पर भैंरव सेना जिला संयोजक अमरजीत सिंह के नेतृत्व में एकत्रित हुए और विरोध स्वरूप पूर्व नियोजित रणनीति के तहत देवस्थानम बोर्ड का पुतला दहन किया।

कार्यक्रम में उपस्थित भैरव सेना संगठन प्रमुख संदीप खत्री ने कहा की उत्तराखंड हिमालयी राज्य है, जो कि विश्व भर में देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध है। मान्यताओं के अनुसार देवभूमि के प्रत्येक जिलों में पौराणिक सिद्धपीठ तथा मोक्ष के धाम स्थित हैं एवं यहां का प्रत्येक नागरिक न्याय के लिए आज भी अपने लोक देवी-देवताओं पर अटूट विश्वास रखते हैं, तथा संस्कृति और धर्म का निर्वहन परंपराओं और पंचांग के अनुसार करते हैं। परंतु सरकारी अधिग्रहण के कारण पूर्व में देवस्थानम् बोर्ड के गठन होने से कई पौराणिक धार्मिक परंपराएं टूटी हैं। जोकि लोक मान्यताओं के अनुसार देवीय आपदाओं का कारण बन सकती हैं तथा बोर्ड के भंग ना होने से जिनकी पुनरावृति भविष्य में भी होने की आशंका है।

जिस कारण भैंरव सेना की देवभूमि हित में एक ही मांग है कि देवस्थानम बोर्ड को भंग कर देवी देवताओं को सरकारी कैद से मुक्त किया जाए। साथ ही अवगत कराया की जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी तब तक हर प्रकार के आंदोलन संगठन द्वारा देवभूमि के प्रत्येक जिलों के मुख्य नगरों में किए जाएंगे। जिला अध्यक्ष शैलेंद्र डोभाल के कथनानुसार अभी तक भैंरव सेना के कार्यकर्ता विभिन्न जिलों में ज्ञापन और रैली के माध्यम से देवस्थानम् बोर्ड को भंग करने की मांग करते रहे हैं।

परंतु तीर्थ-पुरोहित महापंचायत और भैंरव सेना के सामूहिक निर्णय से अब नींद में सोए सत्ता के अधिपतियों को जगाना आवश्यक है। इसलिए तीर्थ नगरी ऋषिकेश से पुतला दहन के अंतर्गत उग्र आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई। महापंचायत के सदस्य ने कहा की हमारी महापंचायत के सदस्य पिछले 2 वर्षों से तीर्थ-पुरोहित हक-हुकूकधारी की मांगों को लेकर आंदोलनरत थे।

जोकि सर्दी, गर्मी तथा बरसात जैसी विषम परिस्थितियों में भी निरंतर रूप से अपनी मांगों के लिए डटे रहे। परंतु सत्ता के नशे में चूर सरकार के कुछ मंत्रीयों और अधिकारीगणों को कोई फर्क नहीं पड़ा। परंतु अब उत्तराखंड वासियों के साथ ही भैंरव सेना जैसे उग्र सनातनी संगठन के आंदोलन में आने से हम लोगों को बल मिलेगा, जिससे कि भविष्य में देवस्थानम बोर्ड के भंग होने की आशा अब महापंचायत को नजर आ रही है। जिसके लिए पूरे तीर्थ पुरोहित महापंचायत के सभी सदस्य भैंरव सेना तथा अन्य समर्थकों का आभार व्यक्त करते हैं।

भैंरव सेना गढ़वाल संभाग संगठनमंत्री भूपेंद्र भट्ट ने बताया कि संगठन द्वारा पुतला दहन की कार्यवाही ऋषिकेश के बाद अब निरंतर रूप से हर तीसरे दिन क्रमशः हरिद्वार, कोटद्वार, श्रीनगर गढ़वाल, गोपेश्वर, कर्णप्रयाग, चमोली, उखीमठ, नैनीताल, काशीपुर, पिथौरागढ़, बाजपुर, अल्मोड़ा, टनकपुर, रामनगर तथा हल्द्वानी में होगी। परंतु इस बीच यदि हमारी मांग देवस्थानम् बोर्ड को भंग करने की मान ली गई तो आंदोलन वहीं पर स्थगित कर दिया जाएगा। पुतला दहन कार्यक्रम में भैंरव सेना के साथ तीर्थ पुरोहित महापंचायत के सदस्य भी उपस्थित रहे, जिसमें मुख्य रुप से उपरोक्त वक्ताओं सहित नगर संयोजक डोईवाला अन्नु राजपूत, संदीप उनियाल, अमन पांडे, रमेश नेगी, संजीव पयाल सहित दर्जनों धर्म योद्धा उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *