उत्तरकाशी पहुंचे आपदा सचिव, वरुणावत पर्वत पर हुए भूस्खलन का लिया जायजा। Uttarakhand 24×7 Live news

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उत्तरकाशी में वर्णावत पर्वत पर आया भूस्खलन को लेकर उत्तरकाशी पहुंचे आज आपदा सचिव
आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने वरूणावत पर्वत के पूर्वी दिशा में अवस्थित गोफियारा क्षेत्र के ऊपर हुए भूस्खलन का जायजा लेते हुए कहा है कि किसी विशेषज्ञ एजेंसी की मदद लेकर प्रभावित क्षेत्र में जल्द सुरक्षात्मक और उपचार कार्य शुरू करा दिए जाएंगे। सुमन ने कहा कि भूस्खलन का मलवा व पत्थर आबादी क्षेत्र तक न पहॅुंचे इसके लिए सुरक्षा दीवार व रेलिंग का निर्माण कर दोहरी सुरक्षा व्यवस्था करने के साथ ही आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर भूस्खलन के उपचार व रोकथाम के कार्य कराए जांएगे। उन्होंने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा कार्य होने तक खतरे की संभावना वाली जगहों के निवसियों को अन्यत्र सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए प्रभावित लोगों को नियामनुसार किराया व सहायता राशि भी उपलब्ध कराई जाएगी।
सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने जिला मुख्यालय उत्तरकाशी पहॅुचकर अधिकारियों के साथ कुटेटी देवी मंदिर ने निकट जाकर गत 27 अगस्त की रात्रि को हुई अतिवृष्टि के कारण वरूणावत पर्वत के पूर्वी दिशा में अवस्थित गोफियारा क्षेत्र के ऊपर हुए भूस्खलन का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंनें वरूणावत पर्वत की निचले हिस्से में अवस्थित मस्जिद मोहल्ला एवं गोफियारा क्षेत्र में जाकर भूस्खलन की स्थिति का स्थलीय निरीक्षण एवं आबादी वाले क्षेत्र के लिए संभावित खतरे की पड़ताल करने के साथ ही सुरक्षा एवं उपचारात्मक कार्यों को लेकर अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। इस मौके पर जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने भूस्खलन की स्थिति एवं प्रशासन के द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी देने के साथ ही प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा के लिए तात्कालिक एवं दीर्घकालीन उपाय सुनिश्चित किए जाने का आग्रह किया। जिलाधिकारी ने भूस्खलन को लेकर जिला स्तर पर गठित तकनीकी समिति द्वारा दी गई रिपोर्ट के निष्कर्षों एवं संस्तुतियों का उल्लेख करते हुए कहा की भूस्खलन के उपचार व सुरक्षा के लिए किसी विशेषज्ञ संगठन से सर्वेक्षण कराकर जरूरी कार्य जल्दी शुरू करवाये जाने आवश्यक हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि वरूणावत की तलहटी कें बफर जोन में खतरे की संभावना वाले क्षेत्र में निवासित लोगों को सुरक्षा को दृष्टिगत अन्यत्र शिफ्ट किया जाना आवश्यक है।
सचिव आपदा प्रबंधन ने अपने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को हिदायत दी कि खतरे की संभावना वाली जगहों से लोगों को अन्यत्र सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जाय। ऐसे परिवारों को नियामानुसार किराया और सहायता राशि का भी भुगतान किया जाय। सुमन ने कहा कि भूस्खलन के उपचार के लिए टो-प्रोटेक्शन और एंकरिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करने के साथ ही भूस्खलन के मलवे व पत्थरों को आबादी वाले क्षेत्र तक न पहुंचने देने के लिए दो स्तरीय सुरक्षा ढांचे का निर्माण करने पर विचार किया जाएगा। इसके लिए किसी विशेषज्ञ संगठन का सहयोग लेकर सभी आवश्यक कार्य जल्दी शुरू करवाएं जाएंगे। उन्होंनें मस्जिद मोहल्ला के ऊपरी क्षेत्र में लगी सुरक्षा रेलिंग को गोफियारा की तरफ विस्तारित किए जाने के साथ ही गैबियन वाल का निर्माण करने की आवश्यकता भी बताई। इस मौके पर सचिव आपदा प्रबंधन ने स्थानीय निवासियों से भी भेंट कर कहा कि उनकी सुरक्षा और सहायता के लिए शासन-प्रशासन पूरी तत्परता एवं संवेदनशीलता के साथ काम कर रहा है। मुख्यमंत्री उत्तरकाशी नगर के सुरक्षा के लिए चिंतित हैं और उन्होंने मौके पर जाकर वस्तुस्थिति देखने और समाधान तलाशने के निर्देश दिए हैं। सचिव आपदा प्रबंधन ने कहा कि स्थलीय निरीक्षण के बाद देहरादून जाकर वह मुख्यमंत्री को इस बावत जानकारी देंगे और स्थल पर किए जाने वाले कार्यों को लेकर शासन स्तर से जल्द ही आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हालांकि अभी भूस्खलन से जान-माल को कोई नुकसान नहीं हुआ है लेकिन भविष्य में खतरे की आशंका बनी हुई है। जिसे देखते हुए भस्खलन से सुरक्षा एवं उपचार को लेकर विभिन्न विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। उत्तकाशी नगर की सुरक्षा हित में सभी जरूरी उपाय सुनिश्चित करने की कार्रवाई अविलंब शुरू की जाएगी।
अपने भ्रमण के दौरान सचिव आपदा प्रबंधन श्री सुमन ने जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र में जिलास्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर भूस्खलन की विस्तार से जानकारी ली तथा इसके उपचार एवं सुरक्षा के उपायों को लेकर चर्चा की। बैठक में जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल, भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंध केन्द्र के निदेशक शांतनु सरकार एवं भूवैज्ञानिक जीडी प्रसाद ने भूस्खलन की स्थिति तथा संभावित उपचार व सुरक्षा कार्यों और आपदा प्रबंधन से संबंधित जानकारी प्रस्तुत की। बैठक में सचिव आपंदा प्रबंधन ने अतिवृष्टि से यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम में हुए नुकसान की जानकारी लेते हुए कहा कि धामों में क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण एवं प्रभावित सुविधाओं की बहाली को लेकर प्रस्ताव शासन को भेजे जांय, इसके लिए आवश्यक स्वीकृतियां जल्दी ही जारी कर दी जाएंगी।

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