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देहरादून / दिल्ली मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए जल एक महत्वपूर्ण संसाधन हैं और जल विद्युत परियोजनायें राज्य की सकल घरेलु उत्पाद में वृद्धि का मुख्य कारक हैं। उत्तराखण्ड की विद्युत ऊर्जा की मांग की पूर्ति के लिए खुले बाजार से प्रतिवर्ष 1000 करोड़ रुपये की ऊर्जा का क्रय किया जाता है। राज्य में उपलब्ध जल स्त्रोतों से लगभग 25 हजार मेगावाट जल विद्युत क्षमता का आंकलन किया गया है, लेकिन मौजूदा समय में केवल 4200 मेगावाट क्षमता का ही दोहन हो पा रहा है। प्रमुख सचिव , प्रधानमंत्री कार्यालय की अध्यक्षता में हुई समीक्षा में अलकनंदा और भागीरथी नदी घाटी में प्रस्तावित 70 परियोजनाओं में से केवल 7 परियोजनाओं जिनका निर्माण कार्य 50 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है का निर्माण जारी रखने और कोई भी नई परियोजना प्रारंभ न किये जाने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को अवगत कराया कि उत्तराखंड की सीमा में गंगा और उसकी सहायक नदियों के अतिरिक्त अन्य नदी घाटियों पर प्रस्तावित जल विद्युत परियोजनाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि केंद्रीय जल आयोग/जल संसाधन मंत्रालय द्वारा राज्य की अन्य नदी घाटियों यथा धौलीगंगा, गौरीगंगा पर पिथौरागढ़ जनपद में प्रस्तावित परियोजनाओं के विकास के लिए भी अनुमोदन प्रदान नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने राज्य की अन्य नदी घाटियों पर स्थित परियोजनाओं के त्वरित विकास और निर्माण की अनुमति प्रदान किये जाने का अनुरोध केंद्रीय मंत्री से किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हल्द्वानी में बनने वाली जमरानी बांध बहुउद्देश्यीय परियोजना से हल्द्वानी और सीमावर्ती क्षेत्रों में साल 2051 तक की अनुमानित जनसंख्या के लिए 170 एमएलडी पेयजल उपलब्ध होगा। इसके अतिरिक्त, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में लगभग 57000 हेक्टेयर कृषि भूमि के लिए सिंचाई के लिए जल उपलब्ध होगा। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत इस परियोजना के निर्माण के लिए 1730.21 करोड़ वित्त पोषण के लिए अक्टूबर 2023 में भारत सरकार से स्वीकृत हुए हैं। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को यह भी अवगत कराया कि साल 2023 के प्राइस लेवल के स्तर पर परियोजना की लागत 3808.16 करोड़ है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से पुनरीक्षित लागत PMKSY-AIBP के अंतर्गत वित्त पोषण की स्वीकृति का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से इंटर मिनिस्टीरियल कमिटी की मार्च 2023 में हुई बैठक में राज्य के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ की 170.57 करोड़ लागत की 15 परियोजनाओं के लिए शत प्रतिशत केंद्रीय वित्त पोषण की संस्तुति पर जल्द स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून जनपद के सहसपुर विकासखंड में स्वारना नदी पर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जलाशय का निर्माण 203.3 करोड़ रुपये की लागत से किया जाना प्रस्तावित है। इस परियोजना के इंटर स्टेट क्लेरेंस का प्रकरण अपर यमुना बोर्ड में विचाराधीन है, इसके लिये भी मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से अनुमोदन प्रदान करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से उत्तराखंड की लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना के कार्यान्वयन में हो रहे विलम्ब की जानकारी देते हुए अवगत कराया कि लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना देहरादून जिले में यमुना नदी पर 204 मीटर ऊचाँ बाँध बनाया जाना है। इसका निर्माण राज्य की जल विद्युत उत्पादन कम्पनी यूजेवीएन लि. कर रहीं है।

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