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अतिवृष्टि से प्रभावित यमुनोत्री क्षेत्र में आवश्यक सुविधाओं की बहाली के लिए विभिन्न विभागों के स्तर से तेजी शुरू। Uttarakhand 24×7 Live news

अतिवृष्टि से प्रभावित यमुनोत्री क्षेत्र में प्रभावित आवश्यक सुविधाओं की बहाली एवं आवश्यक सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाने के लिए विभिन्न विभागों के स्तर से तेजी से कार्रवाई की जा रही है। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने संबंधित विभागों को इसके लिए जिम्मेदारी सौंपने के साथ ही अधिकारियों की टीम को मौके पर भेजकर नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट देने और तत्काल सुरक्षात्मक कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन के द्वारा यात्रा के सुरक्षित व सुचारू संचालन हेतु सभी एहतियाती कदम उठाए गए हैं और यमुनोत्री धाम में आज भी तीर्थयात्रियों का आवागमन पूर्व की भांति जारी रहा।

यमुनोत्री धाम में यात्रा को सुचारू व सुरक्षित संचालन तथा क्षेत्र में इस क्षेत्र में अतिवृष्टि से प्रभावित सुविधाओं की बहाली की कार्रवाईयों पर जिला मुख्यालय स्थित नियंत्रण कक्ष से निरंतर निगरानी रखकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश निर्गत किए जा रहे हैं। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने नियंत्रण कक्ष में पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी तथा अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की और मौके पर गए अधिकारियों से भी वर्तमान स्थिति की जानकारी ली। इस मौके पर बताया गया कि वर्तमान में यमुना नदी का जल स्तर सामान्य है। यमुनोत्री पैदल मार्ग भी सुचारू है और यात्रा सामान्य दिनों की तरह संचालित हो रही है। गंगोत्री क्षेत्र के विधायक श्री सुरेश चौहान ने भी नियंत्रण कक्ष में पहॅूंचकर यमुनोत्री क्षेत्र की स्थिति की जानकारी लेने के साथ ही यात्रा व्यवस्था व प्रभावित क्षेत्र में की जा रही कार्रवाईयों के बारे में अधिकारियों से विचार-विमर्श किया।

यमुनोत्री क्षेत्र में बीती रात अतिवृष्टि होने के कारण यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से यमुनोत्री धाम एवं जानकीचट्टी में नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में कुछ सार्वजनिक व निजी परिसंपत्तियों को नुकसान हुआ है। प्राप्त सूचना के अनुसार पुरोहित सभा के कक्ष आंशिक क्षतिग्रस्त और मंदिर समिति का जनरेटर व स्ट्रीट लाइट क्षतिग्रस्त हुई है। इसके साथ ही जानकीचट्टी में नदी का पानी और मलवा पार्किंग में आ जाने से कुछ दोपहिया व छोटे वाहनों के बहने व दबने की सूचना है। यहां पर शुभम पैलेस के सामने लगभग 40 मीटर की सड़क क्षतिग्रस्त हुई है। इसके अतिरिक्त विद्युत लाईन, पर्यटन विभाग सूचना केन्द्र, सुलभ शौचालय जिला पंचायत के शौचालय, कूड़ा कॉम्पेक्टर मशीन भी क्षतिग्रस्त हुई है। जानकीचट्टी में कई दुकानों में मलवा भरने के साथ ही उरेडा पावर हाउस की नहर तथा यात्री पंजीकरण केन्द्र को भी क्षति पहुंची है। इस घटना में वर्तमान तक कोई जनहानि एवं पशुहानि नहीं हुई है। यमुनोत्री पैदल मार्ग सुरक्षित है।

यमुना नदी में पानी के जलस्तर बढने की सूचना पर रात्रि में ही पुलिस, एसडीआरएफ एवं अन्य विभागों के कार्मिकों के द्वारा नदी के आसपास के क्षेत्र में राणा चट्टी ,हनुमान चट्टी, स्यानाचट्टी, पालीगढ़ आदि स्थानों पर अलर्ट करने के साथ ही जानकीजट्टी क्षेत्र में नदी के निकटवर्ती क्षेत्रों में भवनों तथा होटलों को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचा दिया गया था।
जिलाधिकारी ने इस घटना की सूचना मिलते ही राजस्व एवं अन्य संबंधित विभागो के अधिकारियों को तत्काल मौके पर जाकर प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा के सभी इंतजाम करने और बिजली, पेयजल आपूर्ति सहित अन्य आवश्यक सेवाओं को सुचारू बनाए रखने के निर्देश दिए थे। जिलाधिकारी के निर्देश पर उप जिलाधिकारी बड़कोट मुकेश चंद रमोला, तहसीलदार बड़कोट धनीराम राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम के साथ नुकसान का जायजा लेने व राहत कार्यों के संचालन हेतु सुबह ही प्रभावित क्षेत्र में पहॅॅुंच गए थे। इसके अलावा यूपीसीएल, जल संस्थान, लोनिवि आदि विभागों के अधिकारी भी अपनी टीमों के साथ मौक्के पर मौजूद हैं। क्षेत्र में स्वास्थ्य टीमें भी पूर्ववत तैनात हैं। इसके साथ ही एसडीआरएफ की एक अतिरिक्त टुकड़ी व एनडीआरएफ के जवानों को भी प्रभावित क्षेत्र में भेजा गया है। यमुनोत्री धाम में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बहाल करने के लिए क्षतिग्रस्त लाईन एवं पोलों की पुनर्स्थापना का कार्य जारी है। यमुनोत्री धाम व पैदल मार्ग पर निगरानी के लिए स्थापित सीसीटीवी नेटवर्क के लिए पावर बैकअप की वैकल्पिक व्यवस्था भी की जा रही है।

जिलाधिकारी ने इस क्षेत्र में हुए नुकसान का आकलन करने एवं बाधित आवश्यक सेवाओं को तत्काल बहाल करने हेतु उपजिलाधिकारी बड़कोट की अध्यक्षता में समिति गठित की है। समिति में सिंचाई खंड पुरोला, लोनिवि बड़कोट डिवीजन, विद्युत वितरण खंड बड़कोट तथा जिला विकास प्राधिकरण के अधिशासी अभियंताओं के साथ ही जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी और परियोजना प्रबंधक निर्माण इकाई उत्तराखंड पेयजल निगम विकासनगर को शामिल किया गया है। जिलाधिकारी ने समिति को तत्काल क्षेत्र में तैनात रहते हुए क्षेत्र में हुई क्षति का विस्तृत सर्वेक्षण आख्या सायं तक अनिवार्यरूप से उपलब्ध करवाने और इस घटना के कारण एवं प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा हेतु तात्कालिक कार्य अविलंब शुरू कराने और दीर्घकालीन उपायों के बारे में सुझाव देने के भी निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी ने यमुनोत्री धाम में सुरक्षा उपाय किए जाने सहित जानकीचट्टी पार्किंग से मलवा हटाने तथा नदी को मूल धारा की तरफ चैनलाईज करने के लिए सिंचाई विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों को तत्काल मौके पर आवश्यक मशीनें और अन्य संसाधनों को तैनात कर अविलंब काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने जानकीचट्टी में सड़क की मरम्मत, यमुनोत्री मार्ग को सुचारू व सुरक्षित बनाये रखने के लिए लोनिवि व वन विभाग अधिकारियों को लिखित निर्देश जारी करने के साथ ही पार्किंग, पेयजल, विद्युत आपूर्ति, चिकित्सा, सफाई, खाद्यान्न व आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, संचार एवं सुरक्षा आदि व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने हेतु भी संबंधित विभागों को कार्रवाई करने की हिदायत दी है।

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