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कलस्टर स्कूल गठन को प्रत्येक जिले में होगी बैठकः डॉ. धन सिंह रावत। Uttarakhand 24×7 Live news

सूबे में कलस्टर स्कूलों के गठन हेतु धरातल पर काम किया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को जनपद स्तर पर बैठक का आयोजन कर सभी पहलुओं पर विचार करने को कहा गया है, ताकि आस-पास के विद्यालयों का विलय कर कलस्टर स्कूलों का गठन किया जा सके। प्रत्येक विद्यालय में ढांचागत सुविधाओं एवं अन्य सामग्री के लिये बजट समय जारी करने के निर्देश दिये गये हैं। वर्चुअल कक्षाओं के संचालन को लेकर राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी तैनात किया जायेगा।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज विधानसभा स्थित सभाकक्ष में विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने कलस्टर स्कूलों के गठन को लेकर विभागीय अधिकारियों को प्रत्येक जनपद में जाकर क्षेत्रीय विधायक, स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं अभिभावकों के साथ बैठक कर सभी पहलुओं पर चर्चा करने के निर्देश दिये, ताकि भविष्य में स्कूलों के गठन के उपरांत किसी प्रकार की समस्या का समाना न करना पड़े। उन्होंने प्रदेशभर के जीर्ण-शीर्ण विद्यालयों के नये भवन निर्माण, वृहद एवं लघु मरम्मत सहित फर्नीचर, कप्यूटर, खेल सामग्री आदि का बजट एक माह के भीतर जारी करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। इसके अलावा विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को जूते, बैग एवं साइकिल की धनराशि शीघ्र डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर करने को कहा। वहीं बच्चों को पाठ्य पुस्तकें समय पर उपलब्ध न कराये जाने पर विभागीय मंत्री ने नाराजगी जताते हुये अधिकारियों को यथाशीघ्र स्कूलों में पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये। इसके अलावा उन्होंने आईसीटीई के तहत संचालित वर्चुअल क्लासेज के बेहतर संचालन के लिये स्टेट स्तर पर नोडल अधिकारी तैनात करने को कहा। उन्होंने कहा कि वुर्चअल कक्षाओं का निरंतर संचालन सुनिश्चित किया जाय ताकि दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को इस योजना का भरपूर लाभ मिल सके। विभागीय बजट का समय पर व्यय न होने पर विभागीय मंत्री ने प्रत्येक माह बजट की समीक्षा करने के निर्देश अधिकारियों को दिये, ताकि स्वीकृत बजट समय पर व्यय किया जा सके। इसके अलावा विभागीय मंत्री ने अटल उत्कृष्ट विद्यालयों, निर्माण कार्यों, लम्बे समय से रिक्त पड़े पदों एवं रिक्त पदों के सापेक्ष पदोन्नति, स्थानांतरण एवं पारस्परिक स्थानांतरण की समीक्षा करते हुये विभागीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पात्र शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ शीघ्र शुरू की जाय ताकि वर्षों से दुर्गम क्षेत्रों में तैनात शिक्षकों को सुगम में आने का मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि सबसे पहले दुर्गम से दुर्गम श्रेणी के स्थानांतरण किये जाय तत्पश्चात पारस्परिक, अनुरोध व अनिवार्य स्थानांतरण किये जायेंगे।

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