देहरादून राज्य में क्षय रोग उन्मूलन की दिशा में राज्य सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाये हैं। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के निरंतर प्रयासों से राज्य में टीबी सूचनाओं में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है और समय पर रोगियों की पहचान, रोग का निदान और उपचार परिणामों में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। जिसमें निःक्षय मित्रों की भूमिका सबसे अहम रही है। जिनके माध्यम से टीबी रोगियों तक सफलतापूर्वक मुफ्त उपचार पहुंच पाया और केन्द्र सरकार द्वारा मई माह तक निर्धारित लक्ष्य को 99 प्रतिशत हासिल कर दिया गया है। वर्तमान में राज्य में 11236 मरीजों का उपचार चल रहा है। कम्युनिटी सपोर्ट फॉर टीबी कार्यक्रम के माध्यम से सक्षम लोग स्वैच्छिक मदद कर टी0बी0 उन्मूलन में भागीदार बनकर प्रधानमंत्री के वर्ष 2025 तक टी0बी0 मुक्त भारत के लक्ष्य प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकेंगे।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि टी0बी0 रोग उन्मूलन की दिशा में सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाये गये। जिसके फलस्वरूप राज्य में टीबी सूचनाओं में अभूतपूर्व वृद्धि हुई और समय पर टीबी रोगियों की पहचान, रोग का निदान और उपचार परिणामों में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। डॉ0 रावत ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य में निःक्षय मित्रों की अहम भूमिका रही है। जिनके माध्यम से विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद भी क्षय रोगियों तक सफलतापूर्वक मुफ्त उपचार पहुंच पाया। विभागीय मंत्री ने बताया कि टी0बी0 सूचकांकों को प्राप्त करने में उत्तराखंड देश में अग्रणी राज्य है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा माह जनवरी से माह मई 2022 तक निर्धारित टी0बी0 नोटिफिकेशन के लक्ष्य को 99 फीसदी हासिल कर दिया गया है। इसके साथ ही राज्य में 11236 टी0बी0 मरीजों को उपचार दिया जा रहा है। जिसमें अल्मोड़ा में 398, बागेश्वर में 179, चमोली में 320, चम्पावत में 157, देहरादून में 2215, पौडी में 510, हरिद्वार में 2848, नैनीताल में 1319, पिथौरागढ़ में 363, रूद्रप्रयाग में 190, टिहरी में 340, उधमसिहं नगर में 2057 और उत्तरकाशी में 340 मरीजों का उपचार चल रहा है। डॉ0 रावत ने बताया कि क्षय रोग उन्मूलन की दिशा में कम्युनिटि सर्पोट फॉर टी0बी0 कार्यक्रम के अंतर्गत सक्षम लोग, विभिन्न संस्थान एवं एनजीओ निःक्षय मित्र की भूमिका निभा सकते हैं। इसके लिये उन्हें निःक्षय पोर्टल पर निःक्षय मित्र के तौर पर पंजीकरण करना होगा ताकि टी0बी0 मरीजों के उपचार अवधि तक उनके पोषण इत्यादि में अतिरिक्त मदद मिल सकेगी और प्रधानमंत्री के वर्ष 2025 तक टी0बी0 मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि क्षय रोग उन्मूलन के अंतर्गत टी0बी0 रोग का निदान, जाँच, उपचार एवं औषधियां निःशुल्क उपलब्ध है। इसके लिये क्षय रोगियों को अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर अपना उपचार शीघ्र करवाना होगा।