रिपोर्ट : सचिन गुप्ता
नगर पंचायत की कार्यशैली पर आए दिन प्रश्नचिन्ह लगते रहते हैं खासतौर से टेंडरों के मामले में दिन प्रतिदिन हो रहे विवाद तो जैसे नगर पंचायत की परंपरा बन कर रह गई है
आपको बताते चलें कि लालकुआं नगर पंचायत के ठेकेदारों द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को भेजे गये शिकायती प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि हम सभी राजकीय ठेकेदार होने के साथ ही नगर पंचायत में पंजीकृत भी है तथा लालकुआ नगर पंचायत कार्यालय में बीते 26 नवंबर को निविदा प्रपत्र खरीद किये जाने तथा 27 नवंबर को निविदा बाक्स में डाली जानी थी लेकिन अधिशासी अधिकारी और नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा अपने कुछ चेहेते ठेकेदारों को निविदा बेच दी गई वही उप जिलाधिकारी के आदेशानुसार सभी पंजीकृत ठेकेदारों को निविदा बेची जानी लेकिन नगर पंचायत प्रशासन ने उपजिलाधिकारी के आदेश को दरकिनार करते हुए तत्काल प्रभाव से निविदा निरस्तीकरण कि सूचना लगा दी गई वही उक्त सूचना में लिखा गया कि 1 दिसंबर को निविदा बेचे जायेंगे और 2 दिसंबर को टेंडर बॉक्स में डाले जायेंगे।
लेकिन अधिशासी अधिकारी और नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा फिर से अपने तीन चेहते ठेकेदारों के नाम निविंदा बेच दी गई प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया गया है कि अन्य ठेकेदार सुबह 10 बजे से 5 बजे तक कार्यालय में खड़े रहे लेकिन तीन चहेते ठेकेदारों के अलावा एक भी अन्य ठेकेदार को निविंदा बेची नही गई जबकि नियमानुसार सभी ठेकेदारों को निविदा बेची जानी थी उन्होंने आरोप लगाया है कि अधिशासी अधिकारी और नगर पंचायत अध्यक्ष ने अपने निजी स्वार्थ के चक्कर से अपने चेहेते ठेकेदारों को नगर पंचायत में कार्य दिया जा रहा है जिससे बाकी ठेकेदारों में रोष व्याप्त है।
उन्होंने उक्त निविदा कि जांच कर दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है ताकि अन्य कोई इस तरह कि मनमानी ना कर सके।
उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्दी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई तो सभी ठेकेदार आंदोलन को बाध्य होंगे जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
उधर अधिशासी अधिकारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि उक्त निविदाओं को अभी रद्द कर दिया गया है और निविदा बेचने एवं आमंत्रित की तिथि आगे बढ़ा दी गई है