जिसे हिंदी तक लिखनी नहीं आती वह उत्तराखंड में डाक सेवक बन गया एक दो नहीं बल्कि ऐसे कई अभ्यर्थी का हैरान करने वाला मामला सामने आया है I भारतीय पोस्ट ऑफिस के उत्तराखंड रीजनल पोस्ट ऑफिस में ग्रामीण डाक सेवकों की भर्ती के लिए 1238 पदों का अधियाचन डायरेक्टर पोस्ट ऑफिस को भेजा गया था। जिस पर अभ्यर्थियों को चयन भी कर लिया गया है। लेकिन चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज जांच में कई गड़बड़ी के मामले सामने आए है। दरअसल, शुरुवाती जांच के आधार पर रीजनल पोस्ट ऑफिस उत्तराखंड के दो डिविजन चमोली और अल्मोड़ा में फर्जी तरीके से भर्ती में पास होने का मामला सामने आया है। जिसके चलते दोनो डिविजन के 6 लोगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।
उत्तराखंड राज्य में जीडीएस भर्ती में फर्जी दस्तावेज का मामला इस वजह से भी चर्चाओं में बना हुआ है क्योंकि साल 2024 में उत्तराखंड में ग्रामीण डाक सेवक के लिए जिन युवाओं का चयन हुआ है वह उसमें से अधिकांश युवा हरियाणा, पंजाब सहित अन्य राज्यों के हैं। साथ ही इस भर्ती में उत्तराखंड के बेहद कम युवाओं का चयन हुआ है। सोशल मीडिया पर तमाम वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें चयनित युवाओं को हिंदी लिखनी नहीं आती है बावजूद इसके उनका चयन ग्रामीण डाक सेवक के लिए हो गया है। जिसके चलते इस पूरे मामले पर रीजनल पोस्ट ऑफिस जल्द ही पोस्ट ऑफिस डायरेक्टरेट को पत्र लिखने जा रहा है। ताकि इस मामले पर कोई कड़ा एक्शन लिया जा सकें।
पोस्ट ऑफिस में फर्जी दस्तावेज के आधार पर चयनित युवाओं का ये कोई पहला मामला नहीं है। बल्कि साल 2023 में भी इस तरह के मामले सामने आ चुके है। साल 2023 में निकली गई भर्ती के दौरान चयनित युवाओं में से 36 युवाओं पर कार्यवाही की गई थी साथ ही 5 लोगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाया गयी थी। ऐसे में अब साल 2024 में भी फर्जी दस्तावेज का मामला सामने आया है जिसके चलते उत्तराखंड रीजनल पोस्ट ऑफिस ने प्रदेश के सभी सातों डिविजन से इस संबंध में रिपोर्ट तलब की है। दरअसल, साल 2023 के दौरान उत्तराखंड रीजनल ऑफिस की ओर से 1448 पदों पर भर्ती के लिए हेड ऑफिस को पत्र भेजा गया था। ऐसे में साल 2023 के दौरान तीन चरणों शेड्यूल 1, स्पेशल साइकिल और शेड्यूल 2 के तहत भर्ती की गई। तीनों शेड्यूल के तहत 36 अभ्यर्थियों के फर्जी दस्तावेज का मामला सामने आया था। ऐसे में 18 लोगों को टर्मिनेट और 20 लोगो की ज्वाइनिंग कैंसल की गई थी। साथ ही पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिन 18 लोगों को टर्मिनेट किया गया था उनमें 13 अभ्यर्थी अल्मोड़ा डिविजन और 3 अभ्यर्थी नैनीताल डिविजन में ज्वाइन कर चुके थे। इसके साथ ही जिन 20 लोगो की ज्वाइनिंग रद्द की गई उनमें देहरादून डिविजन में 7, नैनीताल डिविजन में 7 और टिहरी डिविजन में 6 लोगों की ज्वाइनिंग होनी थी।
पिछले कुछ सालों से अभ्यर्थियों के फर्जी दस्तावेज का मामले सामने आने पर सीबीआई की टीम ने भारतीय पोस्ट ऑफिस में उत्तराखंड रीजनल कार्यालय पहुंचकर अभ्यर्थियों की जानकारी ली थी। जिस दौरान उत्तराखंड रीजनल पोस्ट ऑफिस कार्यालय ने 2021 से 2023 तक बतौर ग्रामीण डाक सेवक ज्वाइन कर चुके 1455 अभ्यर्थियों की सूची सीबीआई को सौंपी थी। ऐसे में सीबीआई अपने स्तर से ज्वाइन कर चुके इन सभी डाक सेवकों के दस्तावेजों की जांच कर रही है। हालांकि, साल 2024 में तीन शेड्यूल के तहत कुल 1238 पदों की भर्ती के एक पत्र हेड पोस्ट ऑफिस को भेजा गया था। जिन पदों के लिए युवाओं का चयन किया जा चुका है। ऐसे में इन सभी युवाओं के चयन से पहले उनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है। शुरुवाती जांच में चमोली डिविजन से तीन और अल्मोड़ा डिविजन से तीन अभ्यर्थियों को पकड़ा गया है जिन्होंने फर्जी तरीके से भर्ती में चयनित हुए थे। लिहाजा, इन सभी 6 लोगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी है। वही, उत्तराखंड रीजनल पोस्ट ऑफिस की चीफ पोस्टमास्टर जनरल शशि शालिनी कुजूर ने कहा कि इस मामले को लेकर सभी डिविजन से रिपोर्ट मांगी गई है। हालांकि, जब फर्जी दस्तावेज का मामला सामने आता है तो ज्वाइन कर चुके अभ्यर्थियों को टर्मिनेट और चयनित युवाओं के ज्वाइनिंग को रद्द कर दिया जाता है। साथ ही एफआईआर भी दर्ज करायी जाती है। साथ ही कहा कि पोस्ट ऑफिस में भर्ती प्रक्रिया ऑनलाइन है ऐसे में जिन अभ्यर्थियों का मेरिट सबसे अधिक होती है उनका ऑटोमेटिक सिलेक्शन हो जाता है। इसके बाद चयनित अभ्यार्थियों के डाक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन कराया जाता है।
बता दे कि उत्तराखंड राज्य में पोस्ट ऑफिस के कुल सात डिविजन है जिसमे अल्मोड़ा, चमोली, देहरादून, पिथौरागढ़, नैनीताल, पौड़ी, टिहरी डिविजन शामिल है। साथ ही इन सभी डिविजन के तहत प्रदेश भर में कुल 2736 पोस्ट ऑफिस संचालित हो रहे है। हालांकि, साल 2016 से पहले डिविजन स्तर से ही ग्रामीण डाक सेवकों की भर्ती की जाती थी। लेकिन साल 2016 के बाद भारत सरकार ने इस प्रक्रिया में बदलाव कर नेशनल स्तर पर भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। लिहाजा, साल 2016 के बाद पूरी तरह ऑनलाइन मध्यम से ही भर्ती की जा रही है। जिसमे 10वी पास मार्कशीट के आधार पर मेरिट बेस युवाओं का चयन किया जा रहा है।
मौजूदा समय में हो रहे वेरिफिकेशन के दौरान आखिर कौन कौन गिरफ्त आयेगा इसी पर सबकी निगाहें टिकी हुई है ?