चमोली जनपद में रविवार को चौथे दिन बारिश-बर्फबारी का सिलसिला थमा, लेकिन जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों के 100 से अधिक गांव बर्फ से ढक गए। गांवों में पैदल रास्ते, खेत-खलियान भी बर्फ से ढकने से ग्रामीणों को आवाजाही के साथ ही पशुओं को चारा पत्ती लाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बर्फबारी से बदरीनाथ हाईवे रड़ांग बैंड से आगे बंद पड़ा है, जबकि जोशीमठ-मलारी हाईवे मलारी से आगे, जोशीमठ-औली और गोपेश्वर-मंडल-चोपता हाईवे भी कांचुलाखर्क से आगे बंद है। सड़कों से बर्फ हटाने के लिए बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) और लोक निर्माण विभाग की जेसीबी लगी हैं।
हेमकुंड साहिब में जमी सात फीट तक बर्फ
जिले में 23 फरवरी को देर रात से बारिश और बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो गया था, जो शनिवार को देर शाम तक जारी रहा। जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई, जबकि निचले क्षेत्रों में रुक-रुककर बारिश हुई। बदरीनाथ धाम में करीब पांच फीट और हेमकुंड साहिब में सात फीट तक बर्फ जम गई है।
बदरीनाथ हाईवे पर हनुमान चट्टी से माणा गांव तक दो से तीन फीट तक बर्फ जम गई है। बीआरओ की जेसीबी ने रड़ांग बैंड तक सड़क से बर्फ हटा दी है लेकिन घांघरिया से लेकर हेमकुंड साहिब तक आस्था पथ बर्फ से ढका हुआ है। जिले के पाणा, ईराणी, झींझी, रामणी, डुमक, कलगोठ, पगना, सुतोल, कनोल, सुरांईथोटा, तोलमा, भलगांव के साथ ही 100 से अधिक गांव बर्फ से ढक गए हैं, जिससे ग्रामीणों की दिनचर्या प्रभावित हो गई है।
मौसम ने साथ दिया तो दो दिन में हाईवे से हटा ली जाएगी बर्फ
बर्फ के कारण खेत में नहीं जा पा रहे हैं। आवाजाही के साथ ही पशुओं के लिए चारे का संकट हो गया है। इधर, रामणी गांव के ग्राम प्रधान सूरज पंवार ने बताया कि गांव पूरी तरह से बर्फ के आगोश में है। रविवार को धूप खिलने से कड़ाके की ठंड से राहत मिली है।
बीआरओ के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बताया कि बदरीनाथ हाईवे और मलारी हाईवे से बर्फ हटाने के लिए 13 जेसीबी लगाई गई हैं। यदि मौसम ने साथ दिया तो दो दिन में हाईवे से बर्फ हटा ली जाएगी। लोनिवि के एसई आरसी शर्मा ने बताया कि शीघ्र सड़कों से बर्फ हटाकर वाहनों की आवाजाही सुचारु कर ली जाएगी।
घेस, हिमनी में भी जमकर हुई बर्फबारी
शनिवार को हुई बारिश से घेस, हिमनी, बलाण, पिनाऊं, वांण में जमकर बर्फबारी हुई। रूपकुंड, ब्रह्मताल, बगजी व आली बुग्याल भी बर्फ से ढक गए हैं। वेदनी बुग्याल में चार से पांच फीट बर्फ होने से पर्यटक गैरोली पातल तक ही ट्रेकिंग कर रहे हैं। वहां बर्फबारी देखने के लिए पर्यटक आ रहे हैं। वहीं ऊंचाई वाले क्षेत्र के गांव शीतलहर की चपेट में हैं