देहरादून के न्यायालय परिसर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप पंत के द्वारा एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई जिसमें उन्होंने कहा कि लोक अदालत हेड क्वार्टर के अलावा तहसील स्थित न्यायालय में आयोजित की जा रही है जिसमे फौजदारी के क्षमनिय मामलों के अतिरिक्त दीवानी मामले, वैवाहिक मामले, चेक बाउंस के मामले, मोटर दुर्घटना के मामले और भी कई तरह के मामलों का निस्तारण किया जाता है।
आगे उन्होंने कहा कि इस लोक अदालत में ना केवल जो न्यायालयों में लंबित मामले हैं बल्कि वह मामले भी लिए जा रहे हैं जो न्यायालय में नहीं आए हैं। मामलों के निस्तारण पर उन्होंने कहा कि प्री-लिटिगेशन के तीन चार हजार मामले इस राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित हो जाएंगे, उसी प्रकार से न्यायालय में लंबित करीब 1000 मामले भी यहां पर निस्तारित हो जाएंगे. अभी तक जो मामला निस्तारित हुआ है उसमें एक महत्वपूर्ण मामला जो 7 साल से लगातार चल रहा था मकान मालिक और किराएदार का वह आज अपील के स्तर से इस राष्ट्रीय लोक अदालत के द्वारा निस्तारित कर दिया गया है इसके अलावा मोटर दुर्घटना के 20 से अधिक मामले का निस्तारण इस लोक अदालत से किया गया है । साथ ही साथ छोटे ऋण स्तर के मामले का भी आज इस राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण हो गया है।
आगे प्रदीप पंत ने कहा कि लोक अदालत में कोई भी मामला गुण दोष पर निस्तारित नहीं किया जाता बल्कि पक्षकारों के आपसी सहमति पर निस्तारित किया जाता है इसलिए इसमें अधिवक्ता की आवश्यकता नहीं होती है।